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    पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ रही है मौतें

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 07:42 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता जताई है क्योंकि सड़कों पर उनकी जान का खतरा बढ़ रहा है। 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 35221 पैदल यात्रियों की मौत हुई जिनमें से ज्यादातर दोपहिया वाहनों के कारण हुईं। फुटपाथों पर अतिक्रमण और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण पैदल यात्री सड़कों पर चलने को मजबूर हैं।

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    पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित (फाइल फोट)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। देश-प्रदेश में बन रहे नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे को लेकर सरकारें अपनी पीठ थपथपा सकती हैं, लेकिन यह विकास इस तरह आंखें मूंदकर किया जा रहा है कि पैदल यात्रियों के चलने के लिए सुरक्षित जगह ही नहीं बची।

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    सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए यदि ¨चता जताते हुए विस्तृत आदेश दिया है तो उसका आधार वह आंकड़े भी हैं, जो बताते हैं कि पैदल यात्रियों के लिए सड़कों पर जान का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह भी अचंभित करने वाला है कि इनकी मौत के लिए भारी वाहनों से अधिक दोपहिया वाहन जिम्मेदार हैं।

    पैदल यात्री सड़कों पर चलने के लिए मजबूर

    आदेश में यह स्वाभाविक कारण भी स्पष्ट किया गया है कि फुटपाथों पर अतिक्रमण और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण पैदल यात्री सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन द्वारा उठाए गए विषय का विशेष रूप से उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने पैदल यात्रियों की सड़क हादसे में मृत्यु पर आंकड़ों सहित तुरंत समुचित कदम उठाने का सुझाव भी दिया है।

    सड़क दुर्घटनाओं में 172890 लोगों की मौत

    सड़क हादसों से संबंधित वर्ष 2023 की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 172890 लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें से 35221 यानी 20.40 प्रतिशत पैदल यात्री थे। मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर पैदल यात्रियों की मृत्यु दोपहिया वाहनों के कारण हुई है।

    देखिए आकड़े

    आंकड़ों के अनुसार, कुल मृत पैदल यात्रियों में 28.26 प्रतिशत की जान दोपहिया वाहन, 24.78 प्रतिशत की मृत्यु कार, टैक्सी, वैन आदि के कारण, जबकि 15.23 प्रतिशत की जान ट्रक-लारी और 6.03 प्रतिशत की मृत्यु बस की टक्टर से हुई। कोर्ट ने कहा है कि इसकी तत्काली आवश्यकता है कि संबंधित प्राधिकरण पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित चलने और सड़क पार करने का स्थान सुनिश्चित करें।

    फुटपाट की कमी मृत्यु की बड़ी वजह

    पैदल यात्रियों की मृत्यु के लिए न्यायालय ने माना है कि फुटपाथ की कमी पैदल यात्रियों की मृत्यु की बड़ी वजह हो सकती है। वह सड़क पर चलने को मजबूर होते हैं और हिट एंड रन का शिकार होने का खतरा रहता है। फुटपाथ पर अतिक्रमण को लेकर चिंता जताई गई है।-

    वर्ष दर वर्ष यूं बढ़ा पैदल यात्रियों की मृत्यु का आंकड़ावर्ष- मृत्यु प्रतिशत

    • 2016- 10.44 प्रतिशत
    • 2017- 13.83 प्रतिशत
    • 2018- 14.96 प्रतिशत
    • 2019- 17.11 प्रतिशत
    • 2020- 17.83 प्रतिशत
    • 2021- 18.9 प्रतिशत
    • 2022- 19.5 प्रतिशत
    • 2023- 20.4 प्रतिशत

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