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    सीएम स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, तमिलनाडु में अपने नाम से चला सकेंगे योजना; जानिए पूरा मामला

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 03:22 PM (IST)

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें स्टालिन के नाम पर योजनाएं चलाने पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में राजनीतिक नेताओं के नाम पर योजनाएं चलाना आम बात है और स्टालिन भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

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    सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की योजना पर सुनाया फैसला। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को रद करते हुए सीएम के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्टालिन अगर चाहें तो वो राज्य में अपने नाम से योजनाएं चला सकते हैं।

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    यह मामला तमिलनाडु सरकार की नई योजना 'उंगलुदन स्टालिन' (आपका स्टालिन) से जुड़ा है। मद्रास हाईकोर्ट ने सीएम को योजना में अपना नाम शामिल करने पर रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया है।

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    3 जजों की बेंच ने की सुनवाई

    तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तीन जजों की बेंच सीजेआई गवई, जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने मामले पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कई राज्यों में ऐसी योजनाएं आम हैं।

    सुप्रीम कोर्ट के अनुसार,

    पूरे देश में राजनीतिक नेताओं के नाम पर योजनाएं चलाई जाती हैं। महज एक राजनीतिक दल और नेता इसका अपवाद क्यों बने? इस तरह की याचिका न सिर्फ कानूनी रूप से गलत है बल्कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग भी है।

    मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला

    दरअसल अन्नाद्रमुक के सांसद सीवी षणमुगम ने इस योजना के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने योजना में सीएम के नाम पर आपत्ति जताई थी। इस पर फैसला सुनाते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि जीवित व्यक्तियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, पार्टी नेताओं और राजनीतिक दलों का नाम या तस्वीरों का इस्तेमाल सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में नहीं होना चाहिए।

    सुप्रीम कोर्ट ने दी प्रतिक्रिया

    इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खुद अन्नाद्रमुक के कार्यकाल में ही नेताओं के नाम पर कई योजनाएं चलाई गई हैं। ऐसे में स्टालिन खुद के नाम पर योजनाएं चलाने के लिए स्वतंत्र हैं।

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