Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Supreme Court: वन मामलों में एक्सपर्ट के कंसल्ट के लिए बीस साल पुरानी CEC की जगह नई समिति को मिली मंजूरी

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 04:00 AM (IST)

    Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दो दशक पुरानी केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के स्थान पर पर्यावरण और वन मामलों से जुड़े मुद्दों पर परा ...और पढ़ें

    Hero Image
    Supreme Court: वन मामलों में एक्सपर्ट के कंसल्ट के लिए नई समिति को मिली मंजूरी

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दो दशक पुरानी केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के स्थान पर पर्यावरण और वन मामलों से जुड़े मुद्दों पर परामर्श के लिए केंद्र द्वारा गठित विशेषज्ञों के निकाय को मंजूरी दे दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्यावरणीय मामलों की न्यायिक समीक्षा जारी रखी जाएगी

    पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गत वर्ष पांच सितंबर को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम,1986 की धारा 3(3) के तहत अधिसूचना जारी की थी। इसमें सीईसी को स्थायी निकाय के रूप में गठित किया गया था।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरिसम्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत आवश्यकता पड़ने पर विशेष रूप से पर्यावरणीय मामलों की न्यायिक समीक्षा जारी रखेगी।

    विभिन्न नियामक निकायों का भी किया गया गठन

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान सीईसी में 75 साल से अधिक उम्र के लोग हैं और इनमें से कुछ भारत से बाहर रह रहे हैं। पीठ ने कहा कि हमने देखा कि शुरुआत में सीईसी के गठन से पूर्व बहुत पानी बह चुका था। शुरुआत में पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित विभिन्न अधिनियम बनाए गए थे और उक्त अधिनियमों के तहत विभिन्न नियामक निकायों का भी गठन किया गया था।

    दो दशक तक तदर्थ निकाय के रूप में कर रही थी काम

    ऐसे में हमने पाया कि सीईसी की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर विचार करना जरूरी है। सीईसी को मूल रूप से नौ मई 2002 को शीर्ष अदालत के आदेश पर गठित करने का निर्देश दिया गया था और यह दो दशक तक तदर्थ निकाय के रूप में कार्य कर रही थी।

    यह भी पढ़ें- Hemant Soren: सोरेन की गिरफ्तारी के बाद विधायकों को बंगाल ले जाने की तैयारी, फिलहाल स्टेट गेस्ट हाउस में हैं सारे MLA