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    Supreme Court: कोविड मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की राजस्थान सरकार की खिंचाई

    जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार का हलफनामा असंतोषजनक है और राजस्थान सरकार कोई दान-धर्म नहीं कर रही है। पीठ ने कहा कि मुआवजा देने का आदेश इस अदालत ने दिया है।

    By Mahen KhannaEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 07:15 AM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं पर की सुनवाई।

    नई दिल्ली, एजेंसी। कोविड महामारी से मृत लोगों के स्वजन को मुआवजे का भुगतान करने के संबंध में दाखिल हलफनामे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान सरकार की खिंचाई की। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार का हलफनामा असंतोषजनक है और राजस्थान सरकार कोई दान-धर्म नहीं कर रही है। पीठ ने कहा कि मुआवजा देने का आदेश इस अदालत ने दिया है। शीर्ष अदालत वकील गौरव कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजस्थान सरकार शीर्ष अदालत के 2021 के आदेश का अनुपालन नहीं कर रही है।

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    विधि आयोग में नियुक्ति मामले में पूछी एजी की राय

    विधि आयोग में नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी की राय पूछी। सितंबर, 2018 से विधि आयोग के प्रमुख की नियुक्ति नहीं हुई है। शुरुआत में प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस एस. रविंद्र भट की पीठ ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई की इच्छुक नहीं है और विधि आयोग में नियुक्ति से संबंधित कानूनी प्रविधानों के अभाव का हवाला दिया। लेकिन याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय के एजी की मदद लेने के अनुरोध वह उनके सुझाव पर सहमत हो गई।

    पटाखों पर प्रतिबंध मामले में हस्तक्षेप से इन्कार

    राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक जनवरी, 2023 तक सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध के दिल्ली सरकार के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने दिवाली के दौरान प्रदूषण के स्तर पर ¨चता व्यक्त की। पीठ ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी की ओर से पेश वकील शशांक शेखर झा से कहा, 'आप एनसीआर के स्थायी निवासी हैं, ठीक हैं न? आपने प्रदूषण देखा है? हम प्रदूषण नहीं बढ़ाना चाहते। हम आपकी याचिका खारिज नहीं कर रहे हैं, हम इस पर विचार करेंगे।'

    हत्याओं से जुड़े मामले में यूपी सरकार को नोटिस

    राज्य में न्यायेतर (एक्सट्रा-ज्यूडिशियल) हत्याओं से जुड़े मुद्दों की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी या आतंक रोधी एजेंसी से कराने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस एस. र¨वद्र भट की पीठ ने वकील अनूप प्रकाश अवस्थी की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। खुद अदालत में मौजूद अनूप प्रकाश ने पीठ को चित्रकूट की जेल में हुई हत्याओं के बारे भी अवगत कराया। पिछले साल 14 जुलाई को इस जेल में तीन विचाराधीन कैदियों की हत्या कर दी गई थी।

    आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों से संबंधित याचिका खारिज

    शीर्ष अदालत ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी कि सभी राजनीतिक दल अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर प्रत्याशियों के आपराधिक मामलों के बारे में विवरण प्रकाशित करें। साथ ही उनका चयन करने का कारण भी बताएं। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अभय एस. ओका की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, 'यह घूमने की जगह नहीं है। हमें लगता है कि याचिका गलत है। इसमें अदालत के पिछले फैसले को लागू करने की मांग की जा रही है। याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाए।'

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