उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्र-छात्रा की आत्महत्या पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कॉलेज प्रबंधन से मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए आईआईटी खड़गपुर और शारदा यूनिवर्सिटी में हुई आत्महत्याओं पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दोनों मामलों में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है जिसमें एफआईआर की जानकारी और प्रबंधन की तत्परता शामिल है। न्यायालय ने शैक्षणिक प्रणाली में खामियों पर भी टिप्पणी की।

माला दीक्षित, नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के आत्महत्या करने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता और दुख: जताते हुए आईआईटी खड़गपुर में छात्र के आत्महत्या करने और शारदा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा में डेंटल की छात्रा के आत्महत्या करने पर स्वत: संज्ञान लिया है।
कोर्ट ने दोनों ही मामलों में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उस रिपोर्ट में कोर्ट को बताया जाएगा कि घटना के बात कितनी जल्दी एफआईआर दर्ज हुई और किसने एफआईआर दर्ज कराई।
इन सवालों के भी देने होंगे जवाब
इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी पूछा है कि इन घटनाओं पर आईआटी खड़गपुर और शारदा यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट ने कितनी तत्परता से काम किया। कोर्ट ने मामले में शारदा यूनिर्वसिटी को भी नोटिस जारी किया है और 28 जुलाई तक जवाब मांगा है। आईआईटी खड़गपुर पहले से मामले में पक्षकार है।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान छात्र-छात्राओं के आत्महत्या करने पर चिंता जताते हुए टिप्पणी में कहा कि शैक्षणिक प्रणाली में कुछ गंभीर खामी है जिससे छात्र ये अति का कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। मामले में कोर्ट 28 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये आदेश
ये निर्देश और टिप्पणियां न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और न्यामूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्र छात्राओं की आत्महत्या के मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। इस मामले में कोर्ट गत मार्च में विस्तृत फैसला दिया था जिसमें उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्र -छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके कल्याण की देखभाल के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया था जो कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और परेशानियों को देखे और उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्र छात्राओं की आत्महत्या रोके।
कोर्ट ने स्वतः लिया छात्र-छात्राओं के आत्महत्या मामले का संज्ञान
सोमवार को जब ये मामला सुनवाई पर आया तो पीठ के न्यायाधीशों ने आईआईटी खड़गपुर में छात्र की आत्महत्या और शारदा यूनिवर्सिटी में डेंटल की छात्रा की आत्महत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। पीठ ने आदेश में लिखा है कि यह सप्ताह का पहला दिन है जिसमें हम मामलों की सुनवाई की शुरुआत इस अत्यंत दुखद मुद्दे से कर रहे हैं।
आत्महत्या की दो और घटनाएं आईं सामने
छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की दो और घटनाएं हुई हैं। एक घटना आईआईटी खड़गपुर की है जिसमें गत शुक्रवार को मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र को उसके हास्टल के कमरे में मृत पाया गया। वह छात्र पांच वर्ष का डिग्री कोर्स कर रहा था और दो महीने की गर्मी की छुट्टियां बिता कर तीन दिन पहले ही इंस्टीट्यूट वापस लौटा था। कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया है कि आईआईटी खड़गपुर में पिछले सात महीने में यह चौथी दुर्भाग्यपूर्ण अप्राकृतिक मौत है।
कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया है कि दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क में स्थिति शारदा यूनिवर्सिटी की है जिसमें एक 21 वर्षीय डेंटल सर्जरी की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने हास्टल में आत्महत्या कर ली और अपने पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ गई है। पीठ ने मामले की सुनवाई में कोर्ट की मदद कर रही न्यायमित्र वरिष्ठ वकील अपर्णा भट से अनुरोध किया है कि दोनों मामलों में जानकारी जुटा कर कोर्ट को रिपोर्ट दें।
कितनी तत्परता से दर्ज कराई गई एफआईआर
कोर्ट ने कहा है कि वह जानना चाहते दोनों मामलों में कितनी तत्परता से एफआइआर दर्ज कराई गई। यह भी जानना चाहेंगे कि किसने एफआइआर दर्ज कराई। आत्महत्या की घटना के संज्ञान में आने के बाद कितनी जल्दी और तत्परता से दोनों संस्थानों, आइआइटी खड़गपुर और शारदा यूनीवर्सिटी के प्रबंधन ने काम किया।
रिपोर्ट में यह भी बताया जाए कि दोनों ही मामलों में प्रारंभिक जांच में क्या खुलासा हुआ है। कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए केस को 28 जुलाई को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। इसके अलावा शारदा यूनीर्वसिटी को नोटिस भी जारी किया है और शारदा यूनीर्वसिटी को 28 जुलाई तक जवाब देना है। आइआईटी खड़गपुर पहले से ही मामले में पक्षकार है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी में कहा कि अगर इन मामलों में एफआइआर नहीं हुई होगी तो वे उसे न्यायालय की अवमानना मांनेंगे।
इस केस के अलावा एक अन्य पीठ के समक्ष भी आज शारदा यूनीर्वसिटी में छात्रा की आत्महत्या का मामला उठा। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ जब सुप्रीम कोर्ट वोमेन लायर्स एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
महिलाओं की सुरक्षा पर भी उठाए सवाल
उसी दौरान वरिष्ठ वकील महालक्षमी पवनी ने उड़ीसा के बालासोर के एक कालेज में छात्रा के आत्महत्या करने और ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनीवर्सिटी में छात्रा के आत्महत्या की घटना को उठाते हुए महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। पीठ ने घटनाओं पर चिंता जताई और इस पर गंभीरता से विचार करने की बात कही।
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