सोनम वांगचुक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, पत्नी ने की रिहाई की मांग; अदालत में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ याचिका पर केंद्र सरकार और लद्दाख से जवाब मांगा है। वांगचुक की पत्नी ने उनकी रिहाई की मांग की है क्योंकि उन्हें लद्दाख में हिंसक आंदोलन के बाद रासुका के तहत हिरासत में लिया गया था और जोधपुर जेल में रखा गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत निरुद्द किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने रासुका में की गई हिरासत को चुनौती देते हुए उनकी रिहाई की मांग की है।
कोर्ट मामले में 14 अक्टूबर को फिर सुनवाई करेगा। लद्दाख में राज्य के दर्जे और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के हिंसक आंदोलन के बाद गत 26 सितंबर को वांगचुक को रासुका के तहत हिरासत में ले लिया गया था। वांगचुक को राजस्थान में जोधपुर की जेल में रखा गया है। उनकी पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर वांगचुक की रासुका में हिरासत को गैरकानूनी बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की है।
वांगचुक की पत्नी की तरफ से सिब्बल पेश हुए
सोमवार को न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया की पीठ ने गीतांजली की याचिका पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद ये नोटिस जारी किये। इससे पहले सिब्बल ने रासुका में हिरासत पर सवाल उठाते हुए कहा कि वांगचुक को निरुद्ध किया जाना गलत है। सिब्बल ने कहा कि उनकी पत्नी को अभी तक हिरासत के आधार नहीं बताए गए हैं। जबकि कानूनन उन्हें हिरासत के आधार दिये जाने चाहिए।
हालांकि दूसरी तरफ केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून के मुताबिक हिरासत के आधार निरुद्ध किये गए व्यक्ति को दिये जाते हैं और उसे दिये गए हैं। कानूनन हिरासत के आधार पत्नी को दिये जाने की जरूरत नहीं है। सिब्बल ने कहा कि आधार उनकी पत्नी गीतांजलि को भी दिये जाएं क्योंकि हिरासत के आधार की जानकारी हुए बगैर हिरासत को चुनौती नहीं दी जा सकती।
अंतरिम आदेश देने से कोर्ट का इनकार
सिब्बल ने कहा कोर्ट अंतरिम आदेश में हिरासत के आधार पत्नी गीतांजलि को देने का निर्देश दे लेकिन पीठ ने सोमवार को कोई भी अंतरिम आदेश देने से इन्कार करते हुए कहा कि आज वे नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाब आने के बाद अगले मंगलवार 14 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई की जाएगी। पीठ ने कहा कि वह फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। हालांकि कोर्ट के पूछने पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह पत्नी को हिरासत के आधार देने की संभावनाओं को परखेंगे।
जब गीतांजलि के वकीलों ने वांगचुक को जरूरी दवाइयां आदि दिये जाने का आदेश देने की मांग की तो सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को तूल देने की कोशिश कर रही हैं जबकि वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद ही उनकी चिकित्सा जांच कराई गई थी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हिरासत में लेने वाली अथॉरिटी ये सुनिश्चित करे कि वांगचुक को जो भी चिकित्सीसय मदद की जरूरत हो वह जेल के नियमों के मुताबिक दी जाए।
इसके बाद कपिल सिब्बल ने पत्नी गीतांजली को वांगचुक से मिलने का निर्देश देने की मांग की और आरोप लगाया कि पत्नी को उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा है सॉलिसिटर जनरल ने इस आरोप को भी गलत बताया। कोर्ट ने गीतांजलि से पूछा कि क्या वह उनसे मिलने वहां गईं थीं। जेल के नियमों के मुताबिक। कोर्ट ने कहा कि अगर वह वहां जाती हैं और उन्हें जेल के नियमों के मुताबिक नहीं मिलने दिया जाता तब बताएं।
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