ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को जारी किया नोटिस, बोला- ये जनहित से जुड़ा मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध को एक महत्वपूर्ण जनहित का मुद्दा मानते हुए सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केए पाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाने की मांग की गई है क्योंकि इससे युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है। कोर्ट अगली सुनवाई में अंतरिम आदेश पर विचार करेगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध को व्यापक जनहित से जुड़ा मुद्दा बताते हुए सभी राज्यों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट ये नोटिस केए पाल की ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को जारी किये। अगली सुनवाई पर कोर्ट अंतरिम आदेश की मांग पर भी विचार करेगा।
'लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो गई है'
ये आदेश न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद दिये। केए पाल ने याचिका में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा है कि इसकी लत की वजह से लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो गई है और उसका खामियाजा उनके घर वालों को झेलना पड़ रहा है।
पाल ने आज मामले पर स्वयं बहस करते हुए यह भी कहा कि कोर्ट ऑनलाइन बेटिंग के विज्ञापन पर अंतरिम आदेश में रोक लगा दे इससे भी काफी हद तक ऑनलाइन सट्टेबाजी रुकेगी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह अंतरिम आदेश की मांग पर भी अगली सुनवाई पर विचार करेगा।
एक और मामले में चल रही सुनवाई
हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण और व्यापक जनहित से जुड़ा मुद्दा याचिका में उठाया है और कोर्ट इस पर विचार करेगा। वहीं दूसरी ओर से पेश एक वकील ने कोर्ट को बताया कि इसी से संबंधित मामले पर एक सुप्रीम कोर्ट की ही एक अन्य पीठ सुनवाई कर रही है।
ऐसे में कोर्ट ने पाल से कहा कि वह उस सुनवाई को भी जाकर देख लें। हालांकि याचिकाकर्ता पाल का कहना था कि वह मामला इस याचिका में उठाए गए विषय से भिन्न है।
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