गो हत्या पर रोक लगे, लेकिन दूसरे पशुओं के कटने पर नहीं: रामदास अठावले
अठावले ने कहा कि अन्य जानवरों और गोवंश के कटने पर बैन से किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
नई दिल्ली, एएनआई। रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने गोहत्या पर बैन का समर्थन करते हुए कहा कि अन्य जानवरों और गोवंश को इस बैन में शामिल नहीं करना चाहिए। अन्य जानवरों और गोवंश के कटने पर बैन से किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
उन्होंने सुझाव दिया है कि किसानों और गरीबों की असुविधाओं को दूर करने के लिए गोहत्या पाबंदी के दायरे से बैल, भैंस आदि गोवंश को अलग रखना चाहिये।
अठावले ने कहा कि गाय हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है। देश के कुछ प्रदेशों में गोहत्या पाबंदी कानून पहले से लागू है लेकिन कुछ प्रदेशों में एेसा नहीं है। इसलिए राज्य सरकारों को गोहत्या बंदी कानून बनाकर उसका सख्ती से पालन करना चाहिये। लेकिन गोवंश को इस पाबंदी से अलग रखने की जरूरत है क्योंकि एक समय बाद गोवंश किसानों पर आर्थिक बोझ बन जाते हैं।
Support ban on cow slaughter but not ban on slaughter of rest of cattle,as it would adversely affect farmers:Ramdas Athawale,Union Minister pic.twitter.com/PLRnayFePG
— ANI (@ANI_news) April 14, 2017
धर्म की सभी दीवारों को तोड़ इस मदरसे ने चलाया गो हत्या के खिलाफ कैंपेन
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अलीजान जमीयत उल मुसलमान एजुकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित मदरसे ने पोस्टकार्ड कैंपेन चलाकर पीएम मोदी से पूरे देश में गोहत्या पर प्रतिबंध और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है। मदरसे की यह भी मांग है कि किसी भी दूधारू पशु की हत्या नहीं होनी चाहिए। गो हत्या के खिलाफ जलाए गए इस कैंपेन का नाम मौलाना मोहम्मद अली जौहर पोस्टकार्ड कैंपेन रखा गया है। तकरीबन 6 साल से पोस्टकार्ड के जरिए कैंपेन चलाने वाले इस मदरसे के सदस्यों ने पीएम के सामने तीन मांग रखी हैं। मीट एक्पोर्ट पर पूरी तरह से प्रतिबंध, गोहत्या करने वाले बूचड़खानों पर प्रतिबंध और इस मामले को लेकर कानून बनाया जाए।
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