विपक्षी नेता फोन जमा कर जांच में करें मदद, अश्विनी वैष्णव ने 'iPhone जासूसी अलर्ट' मामले में विपक्ष से मांगा सहयोग
अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष से आईफोन जासूसी अलर्ट मामले में जांच को लेकर सहयोग करने की मांग की है। उन्होंने कहा सिर्फ आरोप लगाने भर से ही काम नहीं चलेगा। मामले में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था कि पिछले साल 30 अक्टूबर को उन्हें और अन्य विपक्षी सांसदों को एप्पल से एक एसएमएस और ईमेल मिला था। इस संबंध में उन्होंने पत्र लिखा था लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को विपक्ष से 'आईफोन जासूसी अलर्ट' मामले में जांच को लेकर सहयोग करने की मांग की है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ आरोप लगाने भर से ही काम नहीं चलेगा। विपक्ष को कथित 'आईफोन जासूसी अलर्ट' मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद करनी होगी।
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सवालों पर वैष्णव के जवाब
केंद्रीय मंत्री शिवसेना यूबीटी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी के सवालों का सदन में जवाब दे रहे थे। जिन्होंने कहा था कि पिछले साल 30 अक्टूबर को उन्हें और अन्य विपक्षी सांसदों को एप्पल से एक एसएमएस और ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया था कि राज्य प्रायोजित हमलावर आपके आईफोन पर हमला कर सकते हैं। साथ ही चतुर्वेदी ने अपने एक बयान में कहा था कि उन्होंने कथित आईफोन जासूसी के मुद्दे पर केंद्र को एक पत्र लिखा था। लगभग चार महीने हो गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
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सच्चाई सामने लाने में करें मदद
मामले में वैष्णव ने जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी को लगता है कि उनके फोन में कोई समस्या है, तो सीईआरटी-इन के माध्यम से जांच करा सकता है। उन्होंने बताया कि यह एक मजबूत संस्थागत तंत्र है, जो कि तकनीकी परिक्षण के क्षेत्र में काम करता है। आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई भारत सरकार पर आरोप लगा रहा है तो इस देश के नागरिक और इस सदन के सदस्य के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह जांच में पूरा सहयोग करें ताकि सच्चाई सामने आ सके।
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