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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार कसेगी लगाम, जवाबदेह बनाने के लिए ला रही है कानून

डीपफेक और गलत सूचनाओं को प्रसारित होने से रोकने के लिए सरकार में सोशल मीडिया के लिए नए नियम लाने की बात कही है। आईटी मत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम ऐसे प्रावधानों के साथ आ रहे हैं जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। ताकि वे डीप फेक और गलत सूचनाओं का पता लगा सकें और शीघ्र कार्रवाई कर सकें।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Published: Fri, 09 Feb 2024 04:56 PM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2024 04:56 PM (IST)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार कसेगी लगाम, यहां जानें डिटेल

पीटीआई, नई दिल्ली। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को उनके प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई किसी भी निंदनीय सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह बनाने के लिए कानून ला रही है और अन्य कदम उठा रही है।

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गलत सूचना और डीप फेक के प्रसार को रोकने का प्रयास

मंत्री ने कहा कि सरकार गलत सूचना और डीप फेक के खतरे से निपटने के लिए सोशल मीडिया के लिए मध्यस्थ नियमों में संशोधन कर रही है। मंत्री ने सदन को बताया कि हां, हम मध्यस्थ नियमों में संशोधन कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि बड़े पैमाने पर फर्जी मुद्दे सामने आए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि गलत सूचना और डीप फेक के प्रसार के साथ, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए कि इस खतरे को दूर कैसे किया जाए। इसलिए हम मध्यस्थ नियमों में संशोधन कर रहे हैं।

हम ऐसे प्रावधानों के साथ आ रहे हैं जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। ताकि वे डीप फेक और गलत सूचनाओं का पता लगा सकें और शीघ्र कार्रवाई कर सकें।

उन्होंने कहा कि अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले से ही बहुत सारे कंटेटं को मॉडरेट कर रहे हैं और ये साइटें अब 30 साल पहले का शुद्ध प्लेटफॉर्म नहीं रहीं।

डिजिटली होंगे सारे काम 

वैष्णव ने कहा कि संपूर्ण वैश्विक नियामक संस्था इस मामले पर एक तरह की आम सहमति पर पहुंच रही है। उन्होंने सदन के सदस्यों से भी आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पोर्टलों को अपने प्लेटफॉर्म पर जो अनुमति देते हैं, उसके लिए अधिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर कुछ प्रकार की आम सहमति विकसित करें।

सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार कर रहे हैं। उस संस्थागत ढांचे के तीन भाग हैं - पहला है नए कानूनों का सेट। दूरसंचार विधेयक इस सदन द्वारा पारित किया गया है, व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक इस सदन द्वारा पारित किया गया है , और एक अन्य विधेयक पर काम चल रहा है।

 मंत्री ने कहा कि नियमों और विनियमों और संपूर्ण कार्यान्वयन तंत्र को पूरी तरह से डिजिटल तंत्र में परिवर्तित किया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग हर हितधारक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि हमारा इंटरनेट सुरक्षित है, यह विश्वसनीय है और यह वही प्रदान कर रहा है जो उद्देश्य है।

सोशल मीडिया का हो रहा दुरुपयोग 

सोशल मीडिया के दुरुपयोग और निंदनीय पोस्ट को हटाने में होने वाली कठिनाई पर राजीव शुक्ला (कांग्रेस) के एक अन्य पूरक के जवाब में, वैष्णव ने दोहराया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को जिम्मेदारी लेनी होगी।

गिरोह सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठग रहे हैं, वहां अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाई जा रही है और निंदनीय पोस्ट के लिए कोई जवाबदेही नहीं है।

मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को फर्जी या निंदनीय सामग्री हटाने के लिए मजबूर करने के लिए एक तंत्र बनाने पर उच्च सदन में भी आम सहमति होनी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया के समाज पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव को भी स्वीकार किया।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का समाज में बहुत महत्व है। इसका सकारात्मक मूल्य है और इसके नकारात्मक मुद्दे को हल करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।उन्होंने कहा कि हमें सख्त कानून बनाने की जरूरत है।


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