गोवा के बिट्स पिलानी कैंपस में मिला 20 साल के छात्र का शव, आत्महत्या की आशंका; 5 महीने में ऐसा तीसरा केस
हॉस्टल में 20 साल का छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में लटका हुआ पाया गया पुलिस को संदेह कि यह आत्महत्या का मामला है। पुलिस के एक अधिकारी ने इस मामले की जांच की है। संस्थान के गोवा कैंपस में पांच महीने में छात्र की आत्महत्या का यह तीसरा मामला है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा 20 साल का छात्र दोहरी डिग्री प्रोग्राम कर रहा था।
पीटीआई, पणजी। गोवा के बिट्स पिलानी हॉस्टल के कमरे में एक छात्र का शव मिला। हॉस्टल में 20 साल का छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में लटका हुआ पाया गया, पुलिस को संदेह कि यह आत्महत्या का मामला है। पुलिस के एक अधिकारी ने इस मामले की जांच की है।
जांच में आगे पाया गया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ के मूल निवासी कृष्ण कसेरा सुबह 10.15 पर अपने हॉस्टल के कमरे में लटका हुआ पाया गया।
छात्र की आत्महत्या का तीसरा मामला
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के मूल निवासी कृष्ण कसेरा गुरुवार सुबह 10.15 बजे अपने छात्रावास के कमरे में लटका पाया गया। संस्थान के गोवा कैंपस में पांच महीने में छात्र की आत्महत्या का यह तीसरा मामला है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, '20 साल का छात्र दोहरी डिग्री प्रोग्राम कर रहा था और कॉलेज में इस समय परीक्षाएं चल रही थीं।'
अधिकारी ने आगे कहा कि पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है और जांच चल रही है। 4 मार्च को 20 साल का छात्र इसी तरह अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था और 10 दिसंबर, 2024 को आत्महत्या का एक और मामला सामने आया था। बार-बार कोशिश करने के बावजूद बिट्स पिलानी के प्रबंधन से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।
छात्र की मौत ने पैदा की चिंता
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गोवा के आप विधायक क्रूज सिल्वा ने घटना की गहन जांच की मांग की। उन्होंने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, 'बिट्स पिलानी के गोवा परिसर में दो महीने के अंदर दूसरे छात्र की दुखद मौत ने छात्रों, अभिभावकों और व्यापक शैक्षणिक समुदाय के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है।'
विधायक ने कहा-मामले की जांच होनी चाहिए
विधायक ने कहा कि इन दुखद घटनाओं के मद्देनजर बिट्स पिलानी के अधिकारियों को इन मौतों के आसपास की परिस्थितियों की गहन जांच करनी चाहिए। परिसर में सभी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए मूल कारण को समझना आवश्यक है। इसके अलावा, हम छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श सेवाओं को बढ़ाने की पुरजोर वकालत करते हैं।'
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