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    वैश्विक षड्यंत्रों से निपटने के लिए हिंदू समाज का मजबूत होना जरूरी- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 08:42 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत को वैश्विक षड्यंत्रों से बचाने के लिए हिंदू समाज का मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने यह बात नागपुर में पत्रकारों से कही। आंबेकर ने संघ के शताब्दी समारोह की जानकारी देते हुए बताया कि यह 2 अक्टूबर को नागपुर से शुरू होगा जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे।

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    हिंदू समाज का मजबूत होना जरूरी RSS (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि वैश्विक षड्यंत्रों से निपटने के लिए भारत में हिंदू समाज का मजबूत होना जरूरी है। आंबेकर ने यह बात सोमवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कही।

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    नेपाल में हाल में हुए 'जेन जी' के विरोध प्रदर्शनों और भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्कों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि हिंदू समाज को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि भारत को दुनिया भर में चल रही साजिशों से बचाया जा सके।

    RSS का उद्देश्य

    आंबेकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया संकट से मुक्त हो। ऐसा तभी हो सकता है, जब हिंदू समाज मजबूत हो। वह आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह की जानकारी देने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने बताया कि संघ का शताब्दी समारोह दो अक्तूबर को नागपुर से शुरू हो होगा। इस दिन नागपुर में होनेवाले विशेष समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे और समारोह को रा.स्व.संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष के दौरान अपने कार्यक्रमों के तहत देश भर के शहरों और गांवों में लगभग 1,03,000 स्थानों पर 'हिंदू सम्मेलन' आयोजित करने की योजना बना रहा है।

    कौन-कौन थे आमंत्रित?

    आंबेकर के अनुसार बजाज फिनसर्व के अध्यक्ष संजीव बजाज, डेक्कन इंडस्ट्रीज के केवी कार्तिक और लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित हैं। इस समारोह में घाना, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, ब्रिटेन और अमेरिका के अतिथि भी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर में आयोजित होने वाले शताब्दी वर्ष समारोह के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है।

    सरसंघचालक भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शताब्दी वर्ष के दौरान देश के सभी आरएसएस प्रांतों का दौरा करेंगे। आंबेकर ने बताया कि अगस्त में दिल्ली में आयोजित संघ प्रमुख भागवत के तीन दिवसीय 'संवाद' कार्यक्रम की तर्ज पर बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

    संगठन के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने बताया कि इस वर्ष सात-आठ नवंबर को बेंगलुरु में, 21 दिसंबर को कोलकाता में तथा 6 और 7 फरवरी को मुंबई में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रसिद्ध गायक-संगीतकार शंकर महादेवन 28 सितंबर को नागपुर में एक कार्यक्रम में 'संघ गीत' प्रस्तुत करेंगे।

    बेकर के अनुसार रा.स्व.संघ की 83,000 से ज़्यादा दैनिक और 32,000 से ज़्यादा साप्ताहिक शाखाएँ अभी लगती हैं। शताब्दी वर्ष के दौरान संघ 'गृह संपर्क' अभियान के ज़रिए देश भर के नागरिकों तक पहुँचकर उन्हें अपनी विचारधारा और कार्यों से अवगत कराएगा।

    नेपाल में हुए हाल के घटनाक्रम एवं अमेरिकी सरकार के वर्तमान रुख पर रा.स्व.संघ की राय पूछे जाने पर आंबेकर ने कहा कि रा.स्व.संघ समेत पूरा भारत देश की प्रगति और मजबूती के लिए काम कर रहा है और निश्चित रूप से भारत को इतना मजबूत बनना चाहिए कि दुनिया के किसी भी समाज को ऐसे संकट का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य है कि पूरा विश्व संकट से मुक्त हो।

    'हिंदू समाज को मजबूत करो'

    हिंदू समाज को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि दुनिया भर में चल रहे षड्यंत्रों और दुनिया के सामने आ रहे संकट से दुनिया मुक्त हो सके। रा.स्व.संघ के 100 साल के सफर और अगले 100 साल के लिए विजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक गौरवशाली देश है, जिसके नागरिक खुश हैं और जो वैश्विक जिम्मेदारी उठा रहा है।

    बीते 100 वर्षों में संघ के 'हिंदू राष्ट्र' के सपने को किस हद तक आकार मिला है, इस बारे में पूछे जाने पर, आंबेकर ने कहा कि देश पहले से ही एक हिंदू राष्ट्र है, जैसा कि डॉ. हेडगेवार ने आरएसएस के गठन के समय कहा था। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र, हिंदू समाज, हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति के बारे में समाज को जागृत करने का कार्य निरंतर जारी है। मुझे लगता है कि लोग इसे समझ रहे हैं और इस जागृति में भाग लेने के लिए आगे आ रहे हैं।

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