Stray Dog Rules: भारत में कुत्तों के काटने और रेबीज से जुड़े आंकड़े, अमेरिका समेत इन पांच देशों में क्या नियम?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 6 से 8 हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आवारा कुत्तों से होने वाली समस्याओं को गंभीर खतरा बताया है और बच्चों को रेबीज के खतरे से बचाने की बात कही है। पशु प्रेमी इस फैसले को स्थाई समाधान नहीं मान रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पूरे देश में चर्चा हो रही है। आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक, नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक, हर कोइ इस फैसले पर चर्चा कर रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों के काटने से जुड़े मामलों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि देश की राजधानी और इसके आस-पास के मौजूदा शहरों में 6 से 8 हफ्ते के भीतर सभी आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर्श में भेजने का आदेश दिया है।
आवारा कुत्तों को गलियों से हटाएं- सुप्रीम कोर्ट
दो जजों वाली बैंच में जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस आर महादेवन ने आवारा कुत्तों के कारण होने वाली समस्याओं को गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि मासूमों और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के खतरे से दूर रखना होगा। सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश दिल्ली के साथ नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी लागू होगा।
कोर्ट के इस आदेश को एक पक्ष अच्छा बता रहा है। वहीं पशु प्रेमी और पशुओं के लिए काम करने वाले संगठनों इसे आवारा कुत्तों के लिए स्थाई समाधान नहीं मान रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इस फैसले को धरातल पर 8 हफ्तों के भीतर कैसे उतारा जाएगा?
रेबीज से भारत में हर साल 18-20 हजार मौतें- WHO
ऐसा नहीं है कि आवारा कुत्तों की समस्या केवल भारत में ही, भारत के अलावा दुनियाभर के कई देश रेबीज और आवारा कुत्तों से परेशान हैं। WHO के मुताबिक, रेबीज के कारण भारत में हर साल 18 से 20 हजार मौतें होती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2024 में रेबीज से 54 मौतें दर्ज की गई थीं वहीं साल 2023 में ये आंकड़ा 50 था।
आवारा कुत्तों के लिए क्या है भारत में नियम?
भारत सहित दुनिया के अलग-अलग देशों में आवारा जानवरों के लिए नियम बने हुए हैं। भारत में आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए पशु जन्म नियंत्रण, 2023 है। इसके तहत, आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्र से दिशा-निर्देश तय किए हैं। इनमें नसबंदी और टीकाकरण का अधिकार नगर पालिकाओं को दिया गया है।
दुनियाभर के देशों में क्या है नियम?
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में एक बड़ा पशु कल्याणकारी ढांचा है, जिसके तहत आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें शेल्टर्स में रखा जाता है। वहां से कुत्तों को गोद लिया जा सकता है। वहीं बीमार और खतरनाक जानवरों को मारने का अधिकार प्रशासन को दिया गया है।
सिंगापुर में एवीएस आवारा कुत्तों की देखभाल करती है। पशु एवं पशु चिकित्सा के तहत आवारा कुत्तों के पकड़कर उनकी नसबंदी की जाती है और उनका टीकाकरण किया जाता है। साथ ही आवारा कुत्तों का पता लगाने के लिए उनमें एक माइक्रोचिप भी लगाई जाती है।
अमेरिका में आवारा पशुओं के पास कानूनी सुरक्षा
अमेरिका की बात करें तो तीन स्तरों पर आवारा पशुओं को कानूनी सुरक्षा प्राप्त है, जिससे पशुओं को दुर्व्यवहार और उपेक्षा से बचाया जा सके। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क में आवारा कुत्तों के लिए एनिमल केयर सेंटर्स नाम की संस्था काम करती है, जो कुत्तों को शेल्टर्स में ले जाती है और उनके लिए घरों की तलाश करती है।
ब्रिटेन में आवारा कुत्तों को संभालने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के पास है। डॉग्स ट्रस्ट संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में स्थानीय प्रशासन ने करीब 36 हजार आवारा कुत्तों को संभाला था।
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