एंटनी ने बयान में दे दिया पाक को 'बचाव का गलियारा'
भारत की हद में घुसकर भारतीय सैनिकों को मारने की पाकिस्तानी करतूत पर संसद में सरकार का जवाब ही कई सवाल छोड़ गया। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घात लगाकर किए गए हमले पर रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान में पाकिस्तानी फौज पर अंगुली उठाने के बजाय इसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हथियारबंद आतंकियों की करतूत
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय] भारत की हद में घुसकर भारतीय सैनिकों को मारने की पाकिस्तानी करतूत पर संसद में सरकार का जवाब ही कई सवाल छोड़ गया। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घात लगाकर किए गए हमले पर रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान में पाकिस्तानी फौज पर अंगुली उठाने के बजाय इसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हथियारबंद आतंकियों की करतूत करार दिया गया। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री के इस बयान का एक-एक शब्द प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा तौलने के बाद संसद में रखा गया।
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सीमा पर रात के अंधेरे में हुई घटना पर अब इसे तथ्यात्मक संशय का तकाजा कहिए या पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार की नई पारी शुरू करने की कूटनीतिक कोशिशों का लिहाज, लेकिन एंटनी के बयान ने मामले पर पाक को बचाव का गलियारा दे दिया।
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पाकिस्तान को सरकार की ओर से दी जा रही इस रियायत को लेकर संसद में सरकार पर तीखे सवाल भी उठे। सीमा पर 5 व 6 अगस्त की रात भारतीय गश्ती दल पर हुए हमले को लेकर तस्वीर सुबह तक स्पष्ट हो चुकी थी। लेकिन 6 अगस्त की शाम को आए रक्षा मंत्री के बयान में भी मामले को लेकर सरकार का संशय साफ नजर आया।
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संसद के पटल पर रखे गए बयान के शीर्षक में घटना के लिए सीधे 'पाकिस्तान सेना' को जिम्मेदार ठहराया गया। जबकि तीन पैराग्राफ के इस बयान में कहा गया कि इस हमले को पाक सेना की वर्दी पहने 20 हथियारबंद आतंकियों ने अंजाम दिया।
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सरकार चुनावी साल में पाकिस्तान की नई नवाज शरीफ सरकार के साथ सिंतबर में बातचीत का नया सिलसिला शुरू करने की तैयारी में है। अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिये पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और शरीफ के बीच मुलाकात की भी तैयारी है। ऐसे में जाहिर तौर पर सरकार पुंछ में भारतीय सैनिकों की निर्मम हत्या को फिलहाल बातचीत की राह में रोड़ा नहीं बनने देना चाहती। अहम है कि मामले पर सरकार में चले उहापोह का ही नमूना था कि रक्षा मंत्रालय के जम्मू कार्यालय को जारी की गई अपनी विज्ञप्ति शाम को वापस लेना पड़ी, जिसमें घटना के लिए पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम को जिम्मेदार ठहराया गया था। बाद में रक्षा मुख्यालय की ओर से संसद में दिया रक्षा मंत्री एंटनी का बयान जारी करते हुए जम्मू कार्यालय की विज्ञप्ति को निरस्त किया गया।
महत्वपूर्ण है कि इस साल जनवरी में पुंछ से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा के मेंढर सेक्टर में दो भारतीय सैनिकों के सिर काटे जाने की घटना के लिए भारत ने सीधे पाक सेना को जिम्मेदार ठहराया था। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी दो-टूक कहा था कि ऐसी घटना के बाद पाक के साथ रिश्ते सामान्य रखना संभव नहीं है।
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