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आतंकियों का देश पाकिस्तान, 42 शिविरों में दी जाती है ट्रेनिंग

नई दिल्ली। पाकिस्तान की कायराना हरकत के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में 42 आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। पिछले तीन सालों में सीमा पार से तकरीबन 270 आतंकियों ने नियंत्रण रेखा के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान

By Edited By: Published: Tue, 06 Aug 2013 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2013 08:12 PM (IST)
आतंकियों का देश पाकिस्तान, 42 शिविरों में दी जाती है ट्रेनिंग

नई दिल्ली। पाकिस्तान की कायराना हरकत के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में 42 आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। पिछले तीन सालों में सीमा पार से तकरीबन 270 आतंकियों ने नियंत्रण रेखा के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की है।

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि 2010-12 के दौरान सीमा पार से आतंकियों ने एक हजार बार जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें की हैं। मुस्तैद जवानों ने 160 घुसपैठियों को मार गिराया, जबकि 570 सीमा पार लौट गए। हालांकि इतनी सतर्कता के बावजूद 2010 में 95, 2011 में 52 और 2012 में 121 आतंकी जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो गए। सिंह ने एक सवाल के जबाब में कहा, ऐसी सूचनाएं हैं कि भारत में हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विदेशी दूतावासों, विदेशी खुफिया एजेंसियां द्वारा आतंकियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है। आतंकियों और अलगाववादियों को हवाला व अन्य माध्यमों से पैसा दिया जा रहा है। नकली नोट भी आतंकियों की वित्तीय मदद का एक स्रोत हैं।

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केंद्र व राज्य सरकारों ने 2006 से 30 जून 2013 के बीच नकली नोटों के 218 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 65 में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। दस मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] कर रही है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि देश के पूर्वी क्षेत्रों में तैनात सीमा सुरक्षा बल [बीएसएफ] के 21 जवानों ने इस साल खुदकुशी की है। पिछले छह सालों में 95 जवानों ने आत्महत्या की है। इनमें से ज्यादातर ने व्यक्तिगत, घरेलू कारणों, मानसिक बीमारी और अवसाद के चलते यह कदम उठाया है। कुछ घटनाएं काम के दबाव में भी हुई हैं।

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