नदियों के संरक्षण-वन क्षेत्र बढ़ाने को इको टास्क फोर्स बटालियन चाह रहीं राज्य सरकारें, जल्द तैनाती पर दिया जोर
गंगा-यमुना जैसी बड़ी नदियों के संरक्षण का जिम्मा संभालने से लेकर पेड़-पौधे लगा नए वन क्षेत्र विकसित करने के लिए कई राज्य सरकारें प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) की विशेष इकोलॉजिकल टास्क फोर्स की तैनाती में गहरी रूचि दिखा रहे हैं। छत्तीसगढ उत्तरप्रदेश उत्तराखंड समेत कुछ राज्यों ने वन क्षेत्र बढ़ाने और गंगा के संरक्षण के लिए अपने यहां इस टास्क फोर्स की अतिरिक्त बटालियन तैनात करना चाहती हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गंगा-यमुना जैसी बड़ी नदियों के संरक्षण का जिम्मा संभालने से लेकर पेड़-पौधे लगा नए वन क्षेत्र विकसित करने के लिए कई राज्य सरकारें प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) की विशेष इकोलॉजिकल टास्क फोर्स की तैनाती में गहरी रूचि दिखा रहे हैं। छत्तीसगढ, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड समेत कुछ राज्यों ने वन क्षेत्र बढ़ाने और गंगा के संरक्षण के लिए अपने यहां इस टास्क फोर्स की अतिरिक्त बटालियन तैनात करना चाहती हैं।
इकोलॉजिक टास्क फोर्स की मदद से पर्यावरण संरक्षण
वहीं, दिल्ली ने यमुना नदी की सफाई और संरक्षण को गति देने के लिए एक और इकोलॉजिकल टास्क फोर्स बटालियन देने का अनुरोध किया है। प्रादेशिक सेना के इकोलॉजिक टास्क फोर्स के पर्यावरण संरक्षण के साथ नए हरित वन क्षेत्र विकसित करने में बीते 40 सालों में हासिल की गई महारत को देखते हुए राज्य सरकारें अपनी नदी और वन संरक्षण परियोजनाओं के लिए इन्हें जिम्मेदारी देते हुए भरोसा जता रही हैं।
इको टास्क फोर्स बटालियन का किया जा रहा गठन
रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस क्रम में आ रहे राज्यों के अनुरोध को स्वीकार कर उनकी जरूरतों के अनुरूप इको टास्क फोर्स बटालियन का गठन किया जा रहा है। सोमवार को अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रही प्रादेशिक सेना युद्ध ओर शांति के समय में अपने मानवीय कार्यों के लिए विशेष रूप से जानी जाती है और पर्यावरण संरक्षण उसके कार्यों का अहम हिस्सा है।
गंगा की सफाई
सूत्र ने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए चल रहे अभियानों में इको टास्क फोर्स उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड और बिहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा जिसमें गंगा घाटों की सफाई से लेकर उसमें गंदगी डालने से रोकने का अहम जिम्मा भी है। गंगा की सफाई के लिए इन राज्यों से इको टॉस्क फोर्स की तैनाती में बढ़ोतरी का अनुरोध आ रहा है। गंगा टास्क फोर्स गंगा नदी के किनारे तैनात है और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के हिस्से के रूप में जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर इसके संरक्षण और कायाकल्प की दिशा में काम कर रहा है।
दिल्ली के लिए अतिरिक्त यमुना इको टॉस्क फोर्स बटालियन की मांग
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल ने तो युमना की सफाई के लिए एक अतिरिक्त यमुना इको टॉस्क फोर्स बटालियन की मांग की है और इसलिए इसका गठन किया जा रहा है। मालूम हो कि जो राज्य इको टॉस्क फोर्स की बटालियन की मांग करता है उसका पूरा खर्च उसे ही वहन करना होता है।
प्रादेशिक सेना के इको टॉस्क फोर्स का गठन पहली बार 1982 में हुआ जब निरंतर चूना पत्थर उत्खनन और वनों की कटाई के कारण मसूरी (उत्तराखंड) की गंभीरु रूप से क्षतिग्रस्त पहाडि़यों की चुनौती सामने आयी। तब से लेकर अब तक इको टास्क फोर्स ने बीते 40 साल के दौरान देश भर में लगभग 88,400 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 9.38 करोड़ पौधे लगाए हैं।
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