मंदिर में दीया जलाने के मामले में सियासत! हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ SC पहुंची स्टालिन सरकार
तमिलनाडु की स्टालिन सरकार मंदिर में दीया जलाने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। मद्रास हाईकोर्ट ने मंदिरों में दीया जला ...और पढ़ें

मंदिर में दीया जलाने पर विवाद। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया, जिसमें मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के चुनौती दी गई थी, जिसमें अरुलमिघु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के भक्तों को दरगाह के पास थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित पत्थर के लैंप पिलर 'दीपथून' पर पारंपरिक 'कार्थीगई दीपम' जलाने की इजाजत दी गई थी।
दरअसल, शुक्रवार को सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने राज्य सरकार की तरफ से पेश एक वकील की दलीलों पर ध्यान दिया और कहा कि अर्जी को एक बेंच के सामने लिस्ट करने पर विचार किया जाएगा।
तमिलनाडु सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
बताया जा रहा है कि जैसे ही इस मामले का जिक्र हुआ, उत्तरदाताओं के एक वकील ने सरकार पर सिर्फ उच्च न्यायालय को यह बताने के लिए बिना किसी वजह के ड्रामा करने का आरोप लगाया। हालांकि, राज्य के वकील ने कहा कि वह मामले का सिर्फ जिक्र कर रहे थे।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने गुरुवार को मदुरै डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और सिटी पुलिस कमिश्नर की एक इंट्रा-कोर्ट अपील खारिज कर दी। इस अपील में सिंगल जज के उस ऑर्डर को बरकरार रखा गया था, जिसमें भक्तों को दीपाथून में कार्तिगई दीपम का दीया जलाने की इजाजत दी गई थी।
मद्रास हाईकोर्ट ने कही थी ये बात
बता दें कि गत 1 दिसंबर को जस्टिस जी आर स्वामीनाथन की सिंगल जज बेंच ने कहा था कि अरुलमिघु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर की ड्यूटी है कि वह उची पिल्लैयार मंडपम के पास होने वाली पारंपरिक लाइटिंग के अलावा दीपाथून में भी दीया जलाए। बेंच ने कहा था कि ऐसा करने से पास की दरगाह या मुस्लिम कम्युनिटी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा।
इसके बाद जब ये आदेश लागू नहीं हुआ, तो सिंगल जज ने तीन दिसंबर को एक अन्य आदेश पारित, जिसमें भक्तों को खुद दीया जलाने की इजाजत दी गई और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स को उनकी सुरक्षा पक्का करने का निर्देश दिया गया। इसी कारण तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष न्यायालय का रुख किया।
जब ऑर्डर लागू नहीं हुआ, तो सिंगल जज ने 3 दिसंबर को एक और ऑर्डर पास किया, जिसमें भक्तों को खुद दीया जलाने की इजाज़त दी गई और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) को उनकी सुरक्षा पक्का करने का निर्देश दिया गया। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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