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    MV Ganga Vilas: असम पहुंचा रिवर क्रूज, सोनोवाल बोले- देश की ब्लू इकोनॉमी का केंद्र बनेगा पूर्वोत्तर

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Tue, 28 Feb 2023 09:42 PM (IST)

    दशकों तक पिछड़े रहे पूर्वोत्तर के राज्यों में मोदी सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दे रही है तो इसके साथ ही काशी से चलकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचे एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज ने जलमार्ग से विकास का मजबूत रास्ता दिखा दिया है।

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    सोनोवाल बोले- देश की ब्लू इकोनॉमी का केंद्र बनेगा पूर्वोत्तर

    जितेंद्र शर्मा, डिब्रूगढ़। दशकों तक पिछड़े रहे पूर्वोत्तर के राज्यों में मोदी सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दे रही है, तो इसके साथ ही काशी से चलकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचे एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज ने जलमार्ग से विकास का मजबूत रास्ता दिखा दिया है। यहां क्रूज के समापन समारोह में उत्साहित पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्षेत्र को कार्गो टर्मिनल और ब्रह्मपुत्र के नाम से डिब्रूगढ़ से वाराणसी तक नए रिवर क्रूज की घोषणा की।

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    13 जनवरी, 2023 को पीएम ने किया था शुरू

    साथ ही दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो ब्लू इकोनॉमी का विजन है, उसका केंद्र पूर्वोत्तर बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 जनवरी, 2023 को काशी से गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ किया था, जो 50 दिन में 3200 किलोमीटर का सफर तय कर मंगलवार को असम के डिब्रूगढ़ पहुंच गया।

    यहां ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बोगिबील पुल के पास आल्हादित स्थानीय बाशिंदों की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्रूज में आए विभिन्न देशों के पर्यटकों का स्वागत-अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि एमवी गंगा विलास ने पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में रिवर टूरिज्म की संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं।

    मेक इन इंडिया से दुनिया को कराया परिचित

    उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित इस पहले क्रूज ने पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' की क्षमता से दुनिया को परिचित कराया है। यह साबित किया है कि हमारी जलयान निर्माण क्षमता विश्व स्तर की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट पॉलिसी साकार हो रही है। इस सफल क्रूज यात्रा से पूर्वोत्तर विश्व के मैरिटाइम मैप पर उपस्थिति दर्ज करा चुका है।

    इस क्षेत्र में जलमार्ग के जरिए विकास की पूरी संभावनाएं हैं, इसलिए मंत्रालय ने तय किया है कि डिब्रूगढ़ में जल्द ही कार्गो टर्मिनल भी बनाया जाएगा। उसके लिए यहां स्थिति भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड सहित अन्य संस्थानों से एमओयू भी किया है। इसके साथ ही जिस तरह काशी से डिब्रूगढ़ तक गंगा विलास क्रूज चलाया गया है, उसी तरह डिब्रूगढ़ से काशी तक ब्रह्मपुत्र क्रूज चलाया जाएगा।

    बांग्लादेश से रिश्ते होंगे मजबूत

    इस पर अंतरा क्रूज के संचालक राज सिंह ने भी मंच से ही मंत्री की बात को दोहराया। सोनोवाल ने बताया कि जल परिवहन से जुड़ी सेवाओं में युवाओं का कौशल विकास करने के लिए मैरिटाइम स्किल डेवलपमेंट सेंटर फॉर नार्थ ईस्ट का शुभारंभ पीएम मोदी कर चुके हैं। अब निर्णय लिया गया है कि डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में कम्यूनिकेशन एंड वाटरवेज के लिए अलग से विभाग भी शुरू किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि चूंकि यह क्रूज बांग्लादेश भी होकर आया है, इसलिए जलधारा के माध्यम से हम पड़ोसी देशों से भी संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं। कार्यक्रम में मंत्रालय के राज्यमंत्री श्रीपद यशो नाइक, शांतनु ठाकुर, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डा. राजकुमार रंजन, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली और बांग्लादेश के जहाजरानी राज्यमंत्री खालिद महमूद चौधरी भी शामिल हुए।

    3200 किलोमीटर की यात्रा में दुनिया ने देखा

    वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक दुनिया का यह सबसे लंबा रिवर क्रूज है, जिसने 27 नदियों से होते हुए 50 दिन में 3200 किलोमीटर का सफर तय किया है। 36 पर्यटक क्षमता वाले क्रूज में 28 विदेशी पर्यटक शामिल थे, जिन्होंने भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के ढाका में पर्यटकों को क्षेत्रीय संस्कृति के दर्शन कराए। पर्यटक लगभग 50 पर्यटन स्थलों पर भी गए। इसकी सफलता का पैमाना यह भी है कि अगले दो वर्षों के लिए दोनों तरफ की यात्राएं पहले ही बुक हो चुकी हैं।