Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 12:28 PM (IST)

    Sonam Wangchuk Case Hearing लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिस पर न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज है और उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया है। उनकी पत्नी ने गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी।

    Hero Image
    सोनम वांगचुक केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने आज मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोनम वांगचुक को लेह हिंसा के बाद 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था। सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया ने मामले पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन को नोटिस जारी किया है। जवाब दाखिल करने के लिए अदालत ने 14 अक्टूबर तक का समय दिया है।

    याचिका में लगाया आरोप

    कोर्ट में गीतांजलि का पक्ष रखते वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी के कारणों पर सवाल खड़े किए हैं। कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि सोनम की गिरफ्तारी की वजह साफ नहीं की गई थी। उन्होंने कहा, "अदालत के फैसले के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कैद करने का कारण परिवार के लोगों को बताना जरूरी है। मगर, सोनम वांगचुक के केस में ऐसा नहीं हुआ। सोनम की पत्नी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया।"

    केंद्र ने क्या कहा?

    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि सभी तरह की कानूनी प्रक्रिया के तहत सोनम की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान सोनम वांगचुक के किसी भी अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है।

    तुषार मेहता के अनुसार,

    सोनम वांगचुक को कानून के अंतर्गत आने वाली सभी सुविधाएं दी गई हैं। अगर कानून किसी चीज की इजाजत देता है, तो इसे कोई नहीं रोक सकता है। मामले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश नहीं किया जाना चाहिए।

    सोनम वांगचुक पर लगे गंभीर आरोप

    बता दें कि लेह में 24 सितंबर को हिंसा भड़की थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई। इसके 2 दिन बाद 26 सितंबर को ही सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया था। सोनम वांगचुक के एनजीओ पर अवैध विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगा है। गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक को जोधपुर कोर्ट में भेज दिया गया है।

    यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश: 14 बच्चों की मौत की जांच करेगी SIT, कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर सरकार ने उठाया बड़ा कदम