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    कुछ आविष्कारों को माना गया चमत्कार, कुछ पर छिड़ा विवाद; दुनिया के 11 इन्वेंशन जो करते हैं आलोचना का सामना

    By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 08 May 2023 12:37 AM (IST)

    दुनिया भर में कई ऐसी चीजें हैं जिनका जब आविष्कार हुआ तो वह बेहद लोकप्रिय हुईं लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा रहा। वहीं बहुत सी ऐसी चीजों का भी आविष्कार हुआ‌ जिससे समाज में अशांति फैली और अविष्कार को लेकर आलोचनाएं हुईं।

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    आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि दुनिया के वह कौन से अविष्कार हैं-

    नई दिल्ली, आशिषा सिंह राजपूत।‌ Inventions: जब भी किसी नई खोज का जिक्र होता है तो मन और मस्तिष्क में एक बात बिल्कुल साफ हो जाती है कि वह चीज अनोखी ही होगी। भौतिक युग में देश- दुनिया प्रगति कर रहें हैं। बहुत सी चीजें जो आज आम लगती हैं, जब उनका आविष्कार हुआ था तब वह चीजें किसी चमत्कार से कम नहीं थीं‌।

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    दुनिया भर में कई ऐसी चीजें हैं, जिनका जब आविष्कार हुआ तो वह बेहद लोकप्रिय हुईं, लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा रहा। वहीं, बहुत सी ऐसी चीजों का भी अविष्कार हुआ,‌ जिससे समाज में अशांति फैली और आविष्कार को लेकर आलोचनाएं हुईं।

    आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि दुनिया के वह कौन से आविष्कार हैं, जिससे ना आविष्कारक खुश हैं और ना ही लोग। ये वो आविष्कार हैं, जो विवादास्पद रहे हैं या वर्षों से आलोचना का सामना करते रहे हैं।

    1- परमाणु हथियार:   परमाणु हथियारों के आविष्कार ने युद्ध की दुनियां में क्रांति ला दी। परमाणु बम का आविष्कार अमेरिकी मूल के वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने किया था। ओपेनहाइमर की देख-रेख में पहला एटम बम परीक्षण सोमवार 16 जुलाई 1945 को अमेरिका में किया गया था। इसने विनाशकारी स्थिति की क्षमता पैदा की। यही नहीं इसके अविष्कारक परमाणु बम के निर्माता, जैसे जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर, ने हथियार के उपयोग पर खेद व्यक्त किया है।

    2- प्लास्टिक: प्लास्टिक के आविष्कार ने विनिर्माण और उद्योग में क्रांति ला दी है, लेकिन इससे व्यापक प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति भी हुई है। प्लास्टिक एक ऐसी सामग्री है, जो विभिन्न जैविक पॉलीमर की श्रेणी से बनाई गई। यह किसी भी आकार में ढाली जा सकती है, इसे नरम और फिर कठोर बनने के लिए छोड़ा जा सकता है। विज्ञान की खोज प्लास्टिक हमारी जरूरत और सुविधा के लिए तैयार किया था। लेकिन अब यह खतरनाक दुश्मन बनकर हमारे पर्यावरण के विनाश का कारण बनता जा रहा है।

    प्लास्टिक के निर्माता, लियो बेकलैंड जिन्होंने बेकेलाइट का आविष्कार किया था, लेकिन उन्होंने इस आविष्कार से होने वाले नुकसान की सीमा का शायद अंदाजा नहीं लगाया होगा।

    3- स्मार्टफोन: स्मार्टफोन ने संचार में क्रांति ला दी है और सूचनाओं को पहले से कहीं अधिक सुलभ बना दिया है, लेकिन सामाजिक अलगाव और लत में योगदान के लिए उनकी आलोचना भी की गई है। स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स जैसे स्मार्टफोन के निर्माताओं को अपने उत्पादों के समाज पर प्रभाव के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।

    4- फास्ट फूड: मैकडॉनल्ड्स जैसी फास्ट फूड चेन ने रेस्तरां उद्योग में क्रांति ला दी है, लेकिन अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों को बढ़ावा देने और मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान देने के लिए इसकी आलोचना भी की गई है। रे क्रोक जैसे इन शृंखलाओं के रचनाकारों को अपने उत्पादों के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।

    5- शॉपिंग मॉल : आज शॉपिंग मॉल लोगों की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। 1950 के दशक में दुनिया में पहली बार शॉपिंग मॉल की अवधारणा लाने वाले विक्टर ग्रुएन हैं। उनका जन्म यूरोप में हुआ था, उन्हें अमेरिकन शॉपिंग मॉल का जनक भी कहते हैं।

    शॉपिंग मॉल एक ऐसी जगह है जहां तमाम अलग अलग तरह की चीजें एक ही जगह पर मिलती हैं।

    हालांकि बाद में विक्टर ग्रुएन महसूस हुआ कि अमेरिकी मॉल्स ने असल में शहरों को बर्बाद किया। उन्हें अपनी इस खोज पर उन्हें बेहद पछतावा था।

    6- थैलिडोमाइड: थैलिडोमाइड को 1950 के दशक में गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस के इलाज के रूप में विकसित किया गया। बाद में थैलिडोमाइड हजारों बच्चों में गंभीर जन्म दोष का कारण बना। जर्मन फार्मास्युटिकल कंपनी जिसने इसे विकसित किया, ग्रुएन्थल ने तब से दवा के प्रभावों के लिए माफी भी मांगी है।

    7- एजेंट ऑरेंज: वियतनाम युद्ध के दौरान एक हर्बिसाइड और डिफोलिएंट के रूप में विकसित, एजेंट ऑरेंज व्यापक स्वास्थ्य समस्याओं और पर्यावरणीय क्षति का कारण बना। हालांकि इसके आविष्कारक, आर्थर गैलस्टन, बाद में शांति और पर्यावरण संरक्षण के हिमायती बन गए।

    8- डीडीटी: एक बार व्यापक रूप से कीटनाशक के रूप में उपयोग किए जाने के बाद, डीडीटी, जिसका पूरा नाम डाइक्लोरोडिफेनिलट्रिक्लोरोइथेन है, इसे वन्य जीवन और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पाया गया। इसके आविष्कारक, पॉल मुलर ने इसके विकास के लिए चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार जीता लेकिन बाद में इसके उपयोग पर खेद व्यक्त किया।

    9- सिगरेट: शायद ही कोई होगा जो सिगरेट के बारे में ना जानता हो। सैकड़ों लोग धूम्रपान करते हैं। एक समय इसका व्यापक रूप से विपणन किया जाता था और इसका आनंद लिया जाता था। लेकिन अब धूम्रपान के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों ने उन लोगों के बीच खेद व्यक्त किया है, जिन्होंने इसका आविष्कार किया और इसे बढ़ावा दिया। आपको बता दें कि 20वीं सदी में धूम्रपान की वजह से लगभग दस करोड़ लोगों की जान जान जा चुकी हैं। टोबैको इन हिस्ट्री' किताब के लेखक जॉर्डन गुडमैन ने ऐसे किसी व्यक्ति विशेष का नाम लेने से बचते हुए कहा है कि "अमरीका के जेम्स बुकानन ड्यूक सिगरेट के आविष्कार के लिए जिम्मेदार थे।

    10- गैसोलीन इंजन: गैसोलीन इंजन के आविष्कार ने परिवहन को बदल दिया लेकिन इसने वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में भी योगदान दिया। इसके आविष्कारक कार्ल बेंज ने शायद पर्यावरण पर ऑटोमोबाइल के प्रभाव की कल्पना नहीं की होगी।

    11- सोशल मीडिया: फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने संचार को बदल दिया है, लेकिन गलत सूचना फैलाने और अभद्र भाषा को बढ़ाने के लिए इसकी आलोचना भी की गई है। मार्क जुकरबर्ग और जैक डोरसी जैसे इन प्लेटफार्मों के रचनाकारों ने समाज पर अपने उत्पादों के प्रभाव को लेकर जांच और आलोचना का सामना किया है। दुनिया भर में सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स हैं। खासकर युवा पीढ़ी की बात करें तो ज्यादातर सोशल मीडिया में रचे बसे हुए हैं।