दूसरे प्रोजेक्ट्स में भी हो सकेगा SPV का इस्तेमाल, केंद्र का राज्यों को निर्देश; शहरी विकास के लिए करें उपयोग
केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बने स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) को भंग न करें। इन एसपीवी का उपयोग मरम्मत रखरखाव और शहरी विकास परियोजनाओं में किया जा सकता है। सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि एकीकृत कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) का संचालन भी एसपीवी के माध्यम से किया जा सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी मिशन की परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बनाए गए स्पेशल परपज व्हीकल यानी एसपीवी के भविष्य पर असमंजस समाप्त हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि इस साल 31 मार्च को समाप्त हुए मिशन से जुड़े एसपीवी को भंग न किया जाए, बल्कि उनका इस्तेमाल कार्यों की मरम्मत और रखरखाव की रूपरेखा बनाने के साथ ही शहरी विकास के अन्य प्रोजेक्टों में किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी परामर्श दिया है कि वे स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सभी सौ शहरों में बनाए गए एकीकृत कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) का संचालन एसपीवी के जरिये कर सकते हैं।
शहरों में होने वाले कामों के लिए होना था एसपीवी का गठन
दरअसल 2015 में केंद्र सरकार ने जब सौ शहरों के लिए स्मार्ट सिटी मिशन की घोषणा की थी, तो उसमें यह प्रविधान किया गया था कि इसके तहत शहरों में जो भी कार्य होने हैं, उनके लिए एक एसपीवी का गठन किया जाएगा। यह एसपीवी डाटा, तकनीक और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों, अफसरों और कर्मचारियों की एक विशेष टीम है।
केंद्र और राज्य के बीच हुआ था समझौता
- प्रत्येक शहर में एसपीवी के लिए संबंधित राज्य सरकार और स्थानीय नगर निगम के बीच एक समझौता हुआ था। इसमें दोनों का योगदान 50-50 प्रतिशत था।
- एसपीवी का कार्य प्रोजेक्टों की डीपीआर बनाने से लेकर उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी थी। इसी एसपीवी को केंद्र और राज्य सरकार से स्टाफ की सेलरी और ऑपरेशन्स के लिए फंडिंग प्राप्त होती है।
- एसपीवी के संदर्भ में केंद्र सरकार ने राज्यों को जो परामर्श जारी किया है, उसमें दोतरफा दृष्टिकोण की रूपरेखा दी गई है। पहला मिशन के शेष कार्यों को पूरा करना और भविष्य के लिए एसपीवी की भूमिका को परिभाषित करना।
- सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे एसपीवी का इस्तेमाल केंद्र और राज्यों की योजनाओं के लिए क्रियान्वयन एजेंसियों के रूप में कर सकते हैं।
- तकनीक के मामले में वे शहरों में साइबर स्वच्छता, विश्लेषण और डाटा सिस्टम के प्रबंधन में सहयोग कर सकते हैं और अपने लंबे अनुभव तथा क्षेत्रीय विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए नगर निकायों और राज्य विभागों को सहायता प्रदान कर सकते हैं।
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