सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआइटी ने की वैज्ञानिक जांच, सोने की कई प्लेटें हटाई गईं
सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में एसआईटी ने वैज्ञानिक जांच की। केरल उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, 'देव अनुज्ञा' और 'पूजा' के बाद गर्भगृह से सोने की प्लेटें हटाई गईं और उनका वजन किया गया। भाजपा ने अयप्पा भक्तों से हस्ताक्षर एकत्र करने का अभियान शुरू किया है, ताकि प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया जा सके।

सबरीमाला मंदिर। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को वैज्ञानिक जांच की। अधिकारियों ने बताया कि केरल हाई कोर्ट के निर्देशानुसार यह प्रक्रिया 'देव अनुज्ञा' (दिव्य अनुमति) अनुष्ठान और 'पूजा' के बाद दोपहर 1.15 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली। इसके बाद मंदिर को अनुष्ठान के लिए पुन: खोल दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। जांचकर्ताओं ने श्रीकोविल (गर्भगृह) के बाहर से सोने से मढ़ी कई प्लेटें हटाईं। इसके बाद प्लेटों को दूसरे कमरे में ले जाया गया, जहां उनका वजन दर्ज किया गया और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए नमूने एकत्र किए गए।
एसआईटी ने मांगी थी इजाजत
हाल ही में एसआईटी ने न्यायालय से द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों की वैज्ञानिक जांच करने की अनुमति मांगी थी, जिससे 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के बाद सोने के नुकसान का पता लगाया जा सके।
भाजपा ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
इस बीच भाजपा ने सोमवार को अयप्पा भक्तों से एक करोड़ हस्ताक्षर एकत्र करने के लिए अभियान शुरू किया। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया जाएगा।
भाजपा के राज्य महासचिव एस सुरेश ने कहा कि एकत्रित हस्ताक्षर प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे जाएंगे।मलयालम माह 'वृचिकम' के पहले दिन सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालु प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर में पहुंचे हैं। वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के लिए हर साल भक्त अयप्पा मंदिर आते हैं।

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