सबरीमाला सोना चोरी मामले की जांच के लिए केरल हाईकोर्ट क्यों पहुंची ईडी?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सबरीमाला सोना चोरी मामले में केरल उच्च न्यायालय से एसआईटी द्वारा जांचे गए दस्तावेजों की मांग की है, ताकि पीएमएलए के तहत जांच शुरू की जा सके। ईडी ने कहा कि एसआईटी जांच में मंदिर की संपत्ति को अवैध रूप से हटाने और व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने की जानकारी मिली है। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड की सचिव एस. जयश्री ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।

सबरीमाला मंदिर मामले में नया अपडेट। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईडी ने शुक्रवार को केरल हाईकोर्ट से सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआईटी द्वारा जांचे गए दो मामलों से संबंधित दस्तावेज मांगे ताकि मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत छानबीन शुरू की जा सके। हाईकोर्ट इस मामले पर सोमवार को सुनवाई कर सकता है।
अपनी याचिका में ईडी ने कहा कि उसे पता चला है कि एसआईटी ने जांच में पाया कि मंदिर की बेशकीमती संपत्ति को अवैध तरीके से डायवर्ट किया गया है और उससे व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया गया है, जिससे ये मामला पीएमएलए के तहत परिभाषित आपराधिक कृत्य से जुड़ रहा है।
ईडी ने क्या कहा?
ईडी ने कहा कि धन शोधन गतिविधियों की जांच के लिए एकमात्र प्राधिकरण होने की वजह से ये एजेंसी की जिम्मेदारी है कि पीएमएलए के तहत जांच शुरू की जाए ताकि कथित अपराध से हुई आय का पता लगाने, उसकी पहचान करने और उसे कुर्क करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा सके।
ईडी ने कहा कि रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पाथनमथित्ता के रान्नी में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत में अपील की गई, लेकिन वहां से ये कहते हुए हमारी अर्जी खारिज कर दी गई कि ये संवेदनशील मामला केरल हाईकोर्ट की निगरानी में चल रहा है।
अग्रिम जमानत के लिए भी याचिका दायर
इधर, त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड सचिव एस जयश्री ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए आशंका जताई है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

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