क्या है 'सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी', 20 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड नेटवर्क का कैसे हुआ खुलासा?
आंध्र प्रदेश साइबर क्राइम पुलिस ने 'सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल कर लोगों को लूटने वाले एक इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुल ...और पढ़ें

सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी से साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. ये नेटवर्क लोगों को लूटने के लिए 'सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल करता था।
सिम बॉक्स ऑपरेटरों को लीगल इंटरनेशनल गेटवे को बायपास करके और फ्रॉड कॉल के सोर्स को छिपाकर, लोकल सिम कार्ड के ज़रिए इंटरनेशनल कॉल रूट करने की सुविधा देता है।
साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़
पुलिस को राज्य में ही कम से कम 20 करोड़ रुपये के विदेशी कनेक्शन, क्रिप्टोकरेंसी फंडिंग और फ्रॉड ट्रांजैक्शन का एक बड़ा नेटवर्क मिला है। यह जांच डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) की एक ऑफिशियल शिकायत के बाद शुरू की गई थी।
साइबर क्राइम एसपी आदिराज सिंह राणा ने पत्रकारों को बताया कि अधिकारियों ने एक इंटरनेशनल नेटवर्क के हिस्से के तौर पर काम कर रहे 14 सिम बॉक्स डिवाइस की पहचान की है।
अब तक कितनी गिरफ्तारियां
छापेमारी के दौरान, पुलिस ने 1,500 से ज्यादा अवैध सिम कार्ड ज़ब्त किए. इसके साथ लोकल ऑपरेटरों, सिम एग्रीगेटरों और नकली एजेंटों सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस रैकेट की जड़ें इंटरनेशनल लेवल पर फैली हुई हैं, जिसमें फंडिंग विदेश से होती थी और इसमें इंटरनेशनल इंपोर्टर और एक्सपोर्टर शामिल थे।
कैसे होती थी पैसों की लेन-देन?
जांच में पता चला कि पैसों का लेन-देन बहुत छिपाकर किया जा रहा था, जिसमें बैंकिंग अधिकारियों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन और 'म्यूल अकाउंट' के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।