चांदी की कीमत पकड़ेगी रफ्तार, इस बार सोना भी पड़ जाएगा फीका; जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय
लगातार चार वर्षों से चांदी की आपूर्ति में कमी रही है और 2025 में भी इसके जारी रहने का अनुमान है। फोटोवोल्टिक (सोलर पैनल) उत्पादों 5जी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स में बढ़ते उपयोग के कारण चांदी की औद्योगिक मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। आपूर्ति में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण चांदी के मूल्य में सोने से ज्यादा वृद्धि होने की उम्मीद है।

एएनआई, नई दिल्ली। कैलेंडर वर्ष 2024 के विपरीत इस वर्ष चांदी के मूल्य में सोने के मुकाबले ज्यादा वृद्धि रहने का अनुमान है। वैश्विक निवेश फर्म विजटमट्री ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कैलेंडर वर्ष 2025 के दौरान चांदी के मूल्य में 23 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हो सकती है। इस दौरान सोने के मूल्य में 17 प्रतिशत की वृद्धि होने की बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण चांदी के मूल्य में सोने से ज्यादा वृद्धि होने की उम्मीद है। विजडमट्री ने रिपोर्ट में कहा है कि हम चांदी की क्षमता को लेकर आशावादी बने हुए हैं। इसका कारण यह है कि आपूर्ति में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग मजबूत अनुकूल परिस्थितियों के रूप में कार्य कर रही है।
4 साल से चांदी की आपूर्ति कम
रिपोर्ट के अनुसार, लगातार चार वर्षों से चांदी की आपूर्ति में कमी रही है और 2025 में भी इसके जारी रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चांदी की आपूर्ति में कमी का कारण यह है कि स्टाक खत्म हो गया है। इसके अलावा जब स्टॉक उपलब्ध होता है, तब भी निवेशक इसका एक बड़ा हिस्सा अपने पास रखते हैं और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऊंची कीमत की मांग करते हैं।
फोटोवोल्टिक (सोलर पैनल) उत्पादों, 5जी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स में बढ़ते उपयोग के कारण चांदी की औद्योगिक मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों की ओर से 2025 में एक और रिकॉर्ड स्थापित करने की उम्मीद है। इससे चांदी की मांग में और वृद्धि होगी।
2024 में 27 प्रतिशत बढ़ा था सोना
- इसके अतिरिक्त, तकनीकी विकास ने उच्च दक्षता वाले एन-टाइप सौर सेल के उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है, जिसके लिए अधिक चांदी की आवश्यकता होती है। नवीकरणीय ऊर्जा के अलावा इस वर्ष डाटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशंस के विस्तार से चांदी की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।
- दिसंबर 2024 के मध्य तक मूल्य में वृद्धि के लिहाज से चांदी का प्रदर्शन सोने से बेहतर था। लेकिन वर्ष के अंतिम दो सप्ताह के दौरान मूल्य में गिरावट के कारण सोना आगे निकल गया और इसने पूरे कैलेंडर वर्ष 2024 में इसके मूल्य में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, चांदी के मूल्य में 21 प्रतिशत की वृद्धि रह गई। भारतीय बाजार में चांदी का मूल्य 1.03 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर तक पहुंच गया है।
इस वर्ष भी मजबूत रहेगी सोने की मांग
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कैलेंडर वर्ष 2025 के दौरान देश में सोने की मांग में मजबूती बनी रहेगी। मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ) इस वर्ष सोने की मांग बनाए रखने में प्रमुख कारक रहेंगे।
रिपोर्ट में भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है। जबकि केंद्रीय बैंकों की खरीदारी कीमती धातु बाजार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान गोल्ड ईटीएफ में 112 अरब रुपये का निवेश हुआ। वहीं, आरबीआई ने 72.6 टन सोने की खरीदारी की। इस खरीदारी के साथ 2024 के अंत में आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार 876 टन हो गया था।
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