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    प्रवासी श्रमिकों पर मेहरबान ममता, हर महीने मिलेंगे 5 हजार रुपये; ये सुविधाएं भी देगी बंगाल सरकार

    बंगाल सरकार प्रवासी बंगाली श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए श्रमश्री योजना शुरू करेगी। इस योजना के तहत श्रमिकों को पांच-पांच हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाली श्रमिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं इसलिए यह योजना शुरू की गई है।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Tue, 19 Aug 2025 02:00 AM (IST)
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    प्रवासी बंगाली श्रमिकों का पलायन रोकने की दिशा में कदम (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल की ममता सरकार प्रवासी बंगाली श्रमिकों का पलायन रोकने, उनके रोजगार की व्यवस्था करने तथा उनकी आर्थिक सहायता के लिए श्रमश्री योजना शुरू करेगी। इसके तहत पांच-पांच हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में योजना की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी बंगाली श्रमिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में राज्य में 10 हजार लोग वापस आए हैं। इन्हें फिर दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े, इसे ध्यान में रखकर यह योजना शुरू की गई है।

    22 लाख से अधिक श्रमिकों को मिलेगा लाभ

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर रहने वाले सभी 22 लाख, 40 हजार प्रवासी श्रमिकों को श्रमश्री योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत प्रवासी बंगाली श्रमिकों को 5,000 रुपये के एकमुश्त भुगतान के साथ एक साल तक प्रति महीने पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। जब तक कि नए काम की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में नोडल विभाग, श्रम विभाग है। इस योजना के लिए श्रमश्री पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिस पर पंजीकरण कराने पर प्रवासी श्रमिकों एक आई-कार्ड दिया जाएगा। इससे उन्हें राज्य सरकार की सुविधाएं मिल सकेंगी। प्रवासी बंगाली श्रमिकों के पास अगर कौशल है, तो जरूरत पड़ने पर उन्हें उत्कर्ष बांग्ला योजना (कौशल योजना) के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा और रोजगार की व्यवस्था की जाएगी।

    इसके अलावा उन्हें जॉब कार्ड, भोजन साथी (खाद्य योजना) कार्ड, स्वास्थ्य साथी (स्वास्थ्य बीमा योजना) कार्ड दिए जाएंगे। अगर घर नहीं है, तो सामुदायिक कोचिंग सेंटर में रहने की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों के लिए स्कूल में दाखिला की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें कन्याश्री (छात्राओं के लिए आर्थिक सहायता योजना) और शिक्षाश्री (पढाई के लिए आर्थिक सहायता योजना) का लाभ भी मिलेगा।

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