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    किसानों का पेट काटकर नेहरू ने पाकिस्तान को दिया पानी, सिंधु जल समझौते पर शिवराज ने कांग्रेस को घेरा

    कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल संधि को ऐतिहासिक भूल बताते हुए कहा कि नेहरू ने जल विशेषज्ञों के विरोध के बावजूद किसानों का पेट काटकर पाकिस्तान को पानी दिया था जिसे पीएम मोदी ने खत्म कर दिया। केंद्र के फैसले पर किसान संगठनों ने सरकार का समर्थन किया है। शिवराज सिंह ने कहा कि सिंधु के जल का उपयोग देश के किसानों के हित में किया जाएगा।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Mon, 19 May 2025 11:41 PM (IST)
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    शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु के जल को देश एवं किसानों के लिए लाभप्रद बताया।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने सिंधु जल संधि को तत्कालीन केंद्र सरकार की ऐतिहासिक गलती बताया और कहा कि जल विशेषज्ञों के विरोध के बावजूद जवाहर लाल नेहरू ने किसानों का पेट काटकर पाकिस्तान को पानी दे दिया था, जिसे पीएम नरेन्द्र मोदी ने खत्म कर दिया।

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    सिंधु जल संधि को ''स्थगन'' में रखने के केंद्र के फैसले को लेकर कृषि मंत्री ने सोमवार को किसानों से संवाद का आयोजन किया था। इसमें उन राज्यों के किसानों को आमंत्रित किया गया था, जिन्हें इस संधि के निरस्त होने पर लाभ मिल सकता है।

    संवाद में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल एवं राजस्थान से आए विभिन्न किसान संगठनों ने सरकार को समर्थन दिया। संयुक्त किसान मोर्चा एवं भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र के इस निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया। 1960 में भारत-पाकिस्तान में हुई इस संधि को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद स्थगित कर दिया गया है।

    सिंधु का पानी किसानों के फायदेमंद: शिवराज सिंह चौहान

    शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु के जल को देश एवं किसानों के लिए लाभप्रद बताया और कहा कि कृषि एवं अन्य उद्देश्यों में जल के बेहतर उपयोग के लिए व्यापक योजना बनाई जाएगी। इससे राजस्थान से लेकर पंजाब-हरियाणा तक की तकदीर बदल जाएगी।

    उन्होंने कहा कि नेहरू ने सिंधु के जल के साथ पाकिस्तान को 83 करोड़ रुपये भी दिए थे, जो वर्तमान में पांच हजार पांच सौ करोड़ के बराबर है।

    पाकिस्तान को यह पैसा नहर बनाने के लिए दिया गया था। यह कैसी दरियादिली है कि हम उन्हें पानी दे रहे हैं जो आतंकियों को पैदा कर भारत भेजते हैं। शिवराज ने कहा कि उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में इस संधि का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हमने पैसे देकर शांति खरीदी है। लेकिन नेहरू ने नहीं माना। हमारा पानी भी गया पैसा भी गया। पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कहा था कि अगर नेहरू नहीं होते तो समझौता नहीं होता।

    पीएम मोदी ने सालों से चले आ रहे अन्याय को खत्म किया

    शिवराज ने इसे ऐतिहासिक अन्याय बताते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कई सालों से चले आ रहे अन्याय को खत्म कर दिया। संवाद में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एमएल. जाट भी मौजूद थे।

    किसान सम्मानित कार्यक्रम में पंजाब के फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला गांव के किसान गोमा सिंह को सम्मानित किया गया। उन्होंने पाकिस्तान सीमा पर सेना की जरूरत के लिए अपना घर सौंप दिया था।

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