किले में बदल गया 'मामा का घर', शिवराज चौहान को किससे है खतरा?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ाई गई। गृह मंत्रालय को खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी एजेंसी और कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व उनकी ...और पढ़ें

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर की बढ़ाई गई सुरक्षा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिली ताजा खुफिया जानकारी के बाद उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) और कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व शिवराज सिंह चौहान के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे थे, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह से ही भोपाल स्थित उनके निजी आवास (बी-8, 74 बंगले) और दिल्ली स्थित सरकारी आवास के बाहर सुरक्षा बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
पुलिस महानिदेशक को भेजा गया पत्र
जागरण को मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को 'अति-गोपनीय' पत्र भेजा है। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो। सूचना मिलने के तुरंत बाद भोपाल में उनके आवास के दोनों ओर की सड़कों पर नाकाबंदी सख्त कर दी गई है और आने-जाने वाले हर वाहन की सघन जांच शुरू हो गई है।
क्यों है खतरा?
कुछ कट्टरपंथी समूहों और विदेशी एजेंसियों की नजर में हैं। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को भी उनके यात्रा मार्ग और कार्यक्रमों की अग्रिम सुरक्षा जांच के निर्देश दिए गए हैं।
मैदानी हकीकत
74 बंगले पर सन्नाटा और सख्ती शनिवार सुबह जब हमारी टीम ने 74 बंगले स्थित उनके आवास का जायजा लिया, तो वहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और मध्य प्रदेश पुलिस के जवानों की तैनाती सामान्य से दोगुनी नजर आई। बंगले के पास से गुजरने वाली आम सड़क पर भी आवाजाही को सीमित कर दिया गया है। बंगले में मुख्य द्वार से भी आवाजाही रोक दी गई है।
पुराने खतरे और खुफिया डायरी यह पहली बार नहीं है जब शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है। खुफिया फाइलों में दर्ज पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो वे हमेशा से संवेदनशील श्रेणी में रहे हैं:
- सिमी (SIMI) का खतरा (2016): भोपाल जेल ब्रेक और सिमी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद शिवराज सिंह चौहान कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर सबसे ऊपर आ गए थे। उस समय भी उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई थी।
- नक्सल हिट लिस्ट (2018-19): बालाघाट और कान्हा क्षेत्र में उनके दौरों के दौरान माओवादी पर्चों में उन्हें धमकियां दी गई थीं।
- जन आशीर्वाद यात्रा (2018/2023): सीधी और चुरहट में उनकी बस पर पथराव की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसे सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था। गृह मंत्रालय ने इन पुरानी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए अब 'जीरो एरर' (शून्य त्रुटि) की नीति अपनाई है।
विशेषज्ञ की राय
पूर्व पुलिस महानिदेशक स्तर के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री का पद बेहद महत्वपूर्ण है। किसान आंदोलनों और नीतिगत फैसलों के कारण वे संवेदनशील स्थिति में हैं। जेड-प्लस सुरक्षा में भी 'एएसएल' लागू करना यह बताता है कि खतरा वास्तविक और गंभीर है।

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