VB–G RAM G Bill: 'राम का नाम बदनाम मत करो', लोकसभा में दिखा थरूर का शायराना अंदाज
लोकसभा में मनरेगा की जगह नया कानून लाने के प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल का विरोध किया और कहा कि गांधीजी का नाम हटाना राष्ट्र ...और पढ़ें
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को उस समय जोरदार हंगामा हो गया जब केंद्र सरकार ने मनरेगा की जगह नया कानून लाने का प्रस्ताव रखा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस बिल का कड़ा विरोध किया और इसे 'बहुत अफसोसजनक और पीछे की ओर ले जाने वाला कदम' बताया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता के साथ अन्याय है।
थरूर ने सदन में बिल पेश होने का विरोध करते हुए कहा कि गांधीजी का नाम हटाने का फैसला गलत है। यह सिर्फ नाम बदलना नहीं बल्कि ग्रामीण रोजगार योजना की आत्मा और दार्शनिक आधार पर हमला है। उन्होंने गांधीजी के 'राम राज्य' के सपने का जिक्र किया और कहा कि यह कभी सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था बल्कि गांवों को सशक्त बनाने और ग्राम स्वराज पर आधारित सामाजिक-आर्थिक योजना थी।
थरूर का तीखा हमला
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने आगे कहा कि मनरेगा में गांधीजी का नाम रखना उनकी सोच से गहरा जुड़ाव दिखाता था। अब उनका नाम हटाना योजना से नैतिक दिशा और ऐतिहासिक वैधता छीनने जैसा है। उन्होंने बिल के नाम पर भी सवाल उठाया। नाम में दो भाषाओं का इस्तेमाल सिर्फ 'जी राम जी' बनाने के लिए किया गया है, जो संविधान के अनुच्छेद 348 का उल्लंघन लगता है।
थरूर ने कहा कि यह सब सुनकर बचपन की एक गाना याद आ गया। फिर उन्होंने सदन में गुनगुनाया – 'राम का नाम बदनाम मत करो'। उनके इस अंदाज से सदन में कुछ पल के लिए सन्नाटा छा गया और फिर विपक्षी सांसदों ने तालियां बजाईं।
नया बिल क्या है?
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 पेश किया। इसे वीबी-जी राम जी बिल कहा जा रहा है। यह मनरेगा को पूरी तरह बदल देगा। बिल के मुताबिक, हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिन का मजदूरी वाला काम मिलेगा, जो पहले 100 दिन था।
राज्यों को नए कानून आने के छह महीने के अंदर अपनी योजना बनानी होगी जो इस बिल से मेल खाए। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि यह बिल 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य से जुड़ा आधुनिक ढांचा बनाएगा। यह योजना पानी की सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, आजीविका से जुड़े काम और मौसम की मार से बचाव के विशेष से जुड़े काम पर केंद्रित होगा।

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