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    'महात्मा गांधी की विरासत का अपमान न करें...', मनरेगा के नाम बदलने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने किसे सुनाया

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 08:31 PM (IST)

    कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की विरासत का अपमान नहीं किया जाना चा ...और पढ़ें

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    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस विवाद को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण)' करने का फैसला किया है, जिसका छोटा नाम 'वीबी जी राम जी' या 'जी राम जी' होगा।

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    इस कदम से महात्मा गांधी का नाम पूरी तरह हट जाएगा, जिस पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तीखा हमला बोला है। संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश किया जा रहा है और विपक्ष ने इसे गांधीजी का अपमान बताया है।

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस विवाद को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज और राम राज्य की अवधारणा कभी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं थीं, बल्कि ये गांधीजी के विचारों के दो मजबूत स्तंभ थे।

    शशि थरूर ने क्या लिखा?

    थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सरकार के प्रस्तावित नए जी राम जी बिल में मनरेगा का नाम बदलने पर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्राम स्वराज का विचार और राम राज्य का आदर्श कभी प्रतिस्पर्धी नहीं थे; ये गांधीजी की चेतना के जुड़वां स्तंभ थे। ग्रामीण गरीबों के लिए बनी योजना में महात्मा का नाम बदलना इस गहरे संबंध को नजरअंदाज करता है। उनकी आखिरी सांस 'राम' के नाम की गवाही थी; आइए हम उनकी विरासत का अपमान न करें और ऐसी विभाजन रेखा न खींचें जहां कोई थी ही नहीं।"

    कुछ लोगों ने थरूर की पोस्ट पर सवाल उठाया कि वे विवाद की निंदा कर रहे हैं या नाम बदलने की। इस पर थरूर ने जवाब दिया, "यह बिल्कुल साफ है कि मैं महात्मा का नाम हटाने पर आपत्ति जता रहा हूं। मेरी पोस्ट पढ़िए।"

     

    कांग्रेस ने जताया कड़ा विरोध

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे गांधीजी का अपमान बताया। उन्होंने पोस्ट में कहा कि संघ की शताब्दी पर गांधी का नाम मिटाना उन लोगों की खोखली और पाखंडी सोच दिखाता है जो विदेश में मोदी जी की तरह बापू को श्रद्धांजलि देते हैं। खरगे ने आगे कहा कि गरीबों के अधिकारों से घबराने वाली सरकार मनरेगा पर हमला कर रही है। कांग्रेस संसद और सड़क पर इस घमंडी सरकार के गरीब-विरोधी फैसले का पुरजोर विरोध करेगी।

    प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी सवाल उठाया कि महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है, जिन्हें देश का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से स्टेशनरी और कागजी काम में काफी खर्च होता है। इसका मकसद क्या है? संसद चल नहीं रही, जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही, समय और जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है।

    तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन ने पोस्ट किया कि मनरेगा का नाम बदलना और गांधीजी का नाम हटाना बापू का अपमान है। ये वही लोग हैं जो गांधीजी के हत्यारे की पूजा करते थे। वे गांधीजी का अपमान करना चाहते हैं, लेकिन हम इसे कभी नहीं होने देंगे।

    नई योजना में क्या बदलाव?

    मनरेगा यूपीए सरकार की प्रमुख योजना थी, जिसमें ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन का गारंटीड रोजगार मिलता है। केंद्र अकुशल मजदूरी का पूरा खर्च उठाता है। नया बिल इसे पूरी तरह बदल देगा।

    अब योजना का नाम 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण)' होगा, जो 'जी राम जी' बनेगा। पहले खबरें थीं कि इसे 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना' नाम दिया जाएगा, लेकिन संसद में पेश बिल में यह नाम है।

    इसमें खर्च का अनुपात बदल रहा है। मसलन केंद्र और ज्यादातर राज्यों में 60:40, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में 90:10 हो सकता है। रोजगार के दिन 125 हो सकते हैं, लेकिन कुछ अन्य बदलाव भी हैं जो योजना को नई दिशा देंगे।

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