'अब सिर्फ दयालु बनकर काम नहीं चलेगा...', शशि थरूर ने Indus Water Treaty स्थगित करने की बताई वजहें; पाक को जमकर धोया
Shashi Tharoor on Indus Waters Treaty कोलंबिया में शशि थरूर ने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि पाकिस्तान के साथ नेक नीयत से की थी लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने बार-बार इस नीयत का अपमान किया है। भारत अब आत्मरक्षा का हक जता रहा है। थरूर ने कहा कि सरकार ने संधि को स्थगित कर दिया है।

पीटीआई, बोगोटा। कोलंबिया में ऑल पार्टी डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि पर करार अच्छी नीयत और सौहार्द के भाव से 1960 में की थी। लेकिन पिछले चार दशकों से पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद के कारण इस अच्छे नीयत का बार-बार अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आत्मरक्षा के अपने हक का इस्तेमाल कर रहा है।
बोगोटा में बोलते हुए थरूर ने कहा कि दशकों तक आतंकवाद और संघर्ष झेलने के बावजूद यह संधि लागू रही। लेकिन अब मौजूदा भारतीय सरकार ने इस संधि को स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा, "सिंधु जल संधि को भारत ने 1960 के दशक में नेक नीयत और सौहार्द के साथ पाकिस्तान को दिया था। संधि के प्रस्तावना में ये शब्द मौजूद हैं।"
अफसोस कि इस अच्छी नीयत का बार-बार आतंकवादी हमलों के जरिए उल्लंघन हुआ। भले ही हमें आतंकवाद और जंग का सामना करना पड़ा, संधि लागू रही, लेकिन इस बार हमारी सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है। इसका मतलब है कि संधि के कामकाज को तब तक रोका गया है जब तक पाकिस्तान से संतोषजनक संकेत नहीं मिलते कि वे संधि की प्रस्तावना में बताए गए सौहार्द के भाव के साथ व्यवहार करने को तैयार हैं।"
शशि थरूर, कांग्रेस नेता
एकतरफा सौहार्द का वक्त खत्म हुआ- शशि थरूर
कांग्रेस नेता और ऑल पार्टी डिलगेशन ग्रुप V के लीडर शशि थरूर ने आगे कहा कि भारत ने इस संधि के तहत अपनी उदारता दिखाई है। उन्होंने बताया कि भारत, एक ऊपरी तटवर्ती देश होने के नाते, पाकिस्तान को संधि के तहत पानी का पूरा हक देता रहा है, जबकि भारत ने अपने हिस्से का पूरा पानी भी इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा, "हम एक ऊपरी तटवर्ती देश हैं। हमने पाकिस्तान को संधि के तहत पानी बहुत उदारता से दिया और अपने हिस्से का पूरा पानी भी इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन अब केवल नेकनीयति के आधार पर चलने का वक्त नहीं रहा।"
पाकिस्तान की मिलीभगत पर उठाए सवाल
पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दोहराते हुए थरूर ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को बिना सजा के नहीं छोड़ा जा सकता। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर हमले किए।
बोगोटा में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "22 अप्रैल को भारत ने पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला झेला। दुनिया ने इसकी निंदा तो की, लेकिन इससे आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस देश से ये आतंकी आए, यानी पाकिस्तान, वहां न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही कोई मुकदमा चला। भारत ने फैसला किया कि इस तरह का जुर्म बिना सजा के नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए 7 मई को भारत ने आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स पर हमले किए।"
थरूर ने पाकिस्तान की मिलीभगत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में एक आतंकी का जनाजा बड़े धूमधाम से हुआ। ये आतंकी प्रतिंबंधित था। इस जनाजे में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य और पुलिस अधिकारी वर्दी में शामिल थे। यह उस मिलीभगत को दिखाता है जो आतंकियों और उनके वित्तपोषकों, ट्रेनर और हथियार सप्लायर्स के बीच है।"
कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर थरूर ने जताई निराशा
थरूर ने कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि कोलंबिया ने भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक जताया, जबकि पहलगाम हमले के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।
हमें कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़ी निराशा हुई, जिसने भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में जानमाल के नुकसान पर गहरी संवेदना जताई, न कि आतंकवाद के शिकार लोगों के साथ हमदर्दी दिखाई।
शशि थरूर, कांग्रेस नेता
शशि थरूर के नेतृत्व में कोलंबिया गए प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी एम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कालिता (सभी भाजपा), मल्लिकार्जुन देवड़ा (शिवसेना), पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू और शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा शामिल हैं।
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