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    Sharmistha Mukherjee Book: 'मोदी को कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी मानते थे प्रणब मुखर्जी', शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में किया जिक्र

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 06 Dec 2023 07:56 PM (IST)

    राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री मोदी की कितनी भी व्यक्तिगत और व राजनीतिक आलोचना करें लेकिन कांग्रेस के सबसे बुद्धिमान सक्षम और सम्मानित नेताओं में शामिल रहे पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का दृष्टिकोण पीएम मोदी को लेकर बिल्कुल अलग था। वह न सिर्फ मोदी की शासन करने की कला से प्रभावित थे बल्कि आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में उन्हें कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी भी मानते थे।

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    शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में पीएम मोदी को लेकर प्रणब मुखर्जी के विचार का जिक्र किया है। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कितनी भी व्यक्तिगत और व राजनीतिक आलोचना करें, लेकिन कांग्रेस के सबसे बुद्धिमान, सक्षम और सम्मानित नेताओं में शामिल रहे पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का दृष्टिकोण पीएम मोदी को लेकर बिल्कुल अलग था। वह न सिर्फ मोदी की शासन करने की कला से प्रभावित थे, बल्कि आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में उन्हें कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी भी मानते थे।

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    शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब में कई बातों का जिक्र

    इससे न सिर्फ मोदी, बल्कि उस आरएसएस के प्रति भी प्रणब की सोच इंगित होती है, जिस पर राहुल सदैव हमलावर रहते हैं। कांग्रेस शासनकाल में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले और 2012 से लेकर 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी के जीवन से जुड़े कई अनछुए राजनीतिक पहलू और विचार उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की पुस्तक के पन्नों के साथ सामने आ रहे हैं।

    'इन प्रणब, माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स' शीर्षक से लिखी इस पुस्तक में शर्मिष्ठा ने उल्लेख किया है कि बाबा (प्रणब) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर उनसे अपने विचार साझा किए। वह मानते थे- 'इंदिरा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनमें जनता की नब्ज जल्द और सटीक समझने की क्षमता है।'

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    पीएम मोदी को लेकर क्या सोचते थे पूर्व राष्ट्रपति

    पूर्व राष्ट्रपति ने 23 अक्टूबर, 2014 को अपनी डायरी में भी लिखा था- 'सियाचिन में जवानों और श्रीनगर में बाढ़ प्रभावितों के साथ दिवाली मनाने का प्रधानमंत्री का निर्णय उनकी राजनीतिक समझ के बारे में बताता है। ऐसी राजनीतिक समझ इंदिरा गांधी के अलावा किसी अन्य प्रधानमंत्री में देखने को नहीं मिली थी।'

    शर्मिष्ठा ने किताब में उल्लेख किया है कि उनके पिता ने अपनी डायरी में यह भी लिखा था कि पीएम मोदी के साथ उनकी कई बार अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई। मोदी उनके विचारों को काफी महत्व देते थे और प्रणब उन्हें हमेशा पूर्ण सहयोग के लिए आश्वस्त करते थे।

    प्रणब मानते थे कि पीएम मोदी के विचारों में बहुत स्पष्टता है और शासनकला को लेकर भी दृष्टिकोण बिल्कुल पेशेवर है। वह खुद को 'सर्वज्ञाता' मानने की बजाए हमेशा कुछ सीखने के प्रयास में नजर आते हैं। इसके साथ ही प्रणब ने डायरी में स्पष्ट लिखा- 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता के रूप में नरेन्द्र मोदी कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी हैं।'

    ..जब भारत रत्न मिलने पर नहीं आया था गांधी परिवार

    कांग्रेस और गांधी परिवार के कुछेक रवैये से प्रणब मुखर्जी कितने निराश थे, इसका उल्लेख भी शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में किया है। उन्होंने लिखा है कि 2019 में प्रणब मुखर्जी को मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया। उस समारोह में गांधी परिवार के शामिल नहीं होने से सभी अचंभित थे।

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    जब इस बारे में शर्मिष्ठा ने अपने पिता से चर्चा की तो उनका जवाब था- ''इसमें कौन सी बड़ी बात है? उन्होंने (गांधी परिवार) पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया था। उससे तो इसकी तुलना भी नहीं की जा सकती।'