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    Budget 2026: किसनों के लिए क्या होगा खास? सभी तरह के बीजों का पंजीकरण अनिवार्य

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 09:20 PM (IST)

    आने वाले बजट सत्र में सरकार बीज विधेयक-2025 लाने की तैयारी में है। इस कानून का उद्देश्य किसानों को सस्ते दाम पर अच्छे बीज दिलाना है, ताकि खराब बीजों प ...और पढ़ें

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    किसानों को सस्ते और भरोसेमंद बीज मिलेंगे

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खेती में किसानों का भरोसा मजबूत करने के लिए आने वाले बजट सत्र में सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है। संसद में बीज विधेयक-2025 लाने की तैयारी है। नए कानून का मकसद है किसानों को खेती के लिए सस्ते दाम पर अच्छे और भरोसेमंद बीज दिलाना, ताकि खराब बीजों पर रोक लगे और खेती में होने वाली क्षति से किसानों को बचाया जा सके।

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    प्रस्तावित विधेयक को खेती में विश्वास की वापसी और किसानों को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। किसानों की अक्सर शिकायत रहती है कि बाजार में मिलने वाले कई फसलों के बीज गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं।

    किसान पूंजी लगाकर बड़ी उम्मीद से बीज बोते हैं और जब फसल कमजोर निकलती है या पूरी तरह खराब हो जाती है तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। नया बीज विधेयक इसी समस्या का समाधान करने के लिए लाया जा रहा है।

    यह कानून वर्तमान बीज अधिनियम-1966 और बीज (नियंत्रण) आदेश-1983 की जगह लेगा और किसानों की जरूरतों के मुताबिक नियम तय करेगा। प्रस्तावित प्रविधान के तहत बाजार में बिकने वाले सभी तरह के बीजों और रोपण सामग्री का पंजीकरण अनिवार्य होगा। बीज बनाने वाली कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों, डीलरों और पौधा नर्सरियों को भी पंजीकरण कराना होगा।

    इससे तय होगा कि किसानों तक वही बीज पहुंचे, जो सरकारी मानकों पर खरा उतरता हो। हर पैकेट पर सही जानकारी वाला लेबल लगाना भी जरूरी होगा, ताकि किसान जान सकें कि बीज किस किस्म का है, उसकी गुणवत्ता क्या है और उसका उपयोग कैसे करना है।किसानों के लिए एक बड़ी राहत यह भी है कि आपात स्थिति में बीजों के दाम नियंत्रित करने का भी प्रविधान किया गया है।

    यानी अगर किसी वजह से बीज महंगे होने लगेंगे तो सरकार हस्तक्षेप कर सकेगी। इससे किसानों को लूट से बचाया जा सकेगा। सरकार ने साफ किया है कि यह विधेयक किसानों के पारंपरिक अधिकारों को कमजोर नहीं करता है।

    किसान अपनी खेती के लिए बीज उगाने, बोने, सहेजने, आपस में बांटने और बेचने का अधिकार पहले की तरह रख सकेंगे। पारंपरिक और देसी किस्मों की सुरक्षा के लिए पहले से बने कानूनों के प्रविधान भी लागू रहेंगे। यानी किसान अपनी पुरानी और स्थानीय बीज की किस्मों को सुरक्षित रख सकते हैं।

    नए बीज विधेयक का एक और अहम पहलू है पारदर्शिता और जवाबदेही। बीज आपूर्ति की श्रृंखला पर सरकार की नजर रहेगी। अगर कोई कंपनी या डीलर घटिया बीज बेचता है तो उस पर कार्रवाई हो सकेगी। हालांकि छोटे-मोटे तकनीकी उल्लंघन को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है, ताकि ईमानदार कारोबारियों पर बेवजह का बोझ न पड़े, लेकिन गंभीर मामलों में कड़ी सजा का प्रविधान भी रखा गया है।

    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि इस विधेयक से किसानों को अच्छी पैदावार मिलेगी, खेती का जोखिम कम होगा और लागत भी घटेगी। अच्छी गुणवत्ता के बीज मिलने से फसल मजबूत होगी और किसान की आमदनी भी बढ़ेगी।