क्या वाकई होते हैं एलियन? पृथ्वी से 8.5 गुना बड़े ग्रह पर मिले जीवन के संकेत; धरती से महज इतना दूर
यह अब तक का सबसे ठोस साक्ष्य हैं कि हमारे सौर मंडल के बाहर किसी ग्रह पर जीवन मौजूद हो सकता है। हालांकि के2-18 बी पर इनका निर्माण कैसे हुआ यह पता नहीं चला है। शोधकर्ता ने कहा कि परिणाम उत्साहजनक हैं लेकिन किसी अन्य ग्रह पर जीवन पाए जाने का दावा करने से पहले अधिक डाटा पर काम करना अहम है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सौरमंडल के बाहर जीवन की तलाश कर रहे विज्ञानियों को बड़ी कामयाबी मिली हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि सौरमंडल के बाहर के एक ग्रह पर डाइमिथाइल सल्फाइड और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान मिले हैं, जो धरती पर समुद्री जीवों द्वारा जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत बनते हैं।
यह सौरमंडल के बाहर जीवन का अब तक का सबसे ठोस साक्ष्य है। हालांकि इस संबंध में और अधिक डाटा जुटाने की जरूरत है। के2-18 बी नाम का एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 8.5 गुना बड़ा है। यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिला डाटा
यह के2-18 तारे की परिक्रमा करता है। अध्ययन में ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले डाटा का विश्लेषण किया गया गया है। इस एक्सोप्लैनेट पर डाईमिथाइल सल्फाइड और डाईमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान पाए गए, जो पृथ्वी पर समुद्री फाइटोप्लांकटन जैसे सूक्ष्मजीव जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत उत्पादित करते हैं।
यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। इसकी स्वतंत्र समीक्षा की जानी है। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित 2023 के अध्ययन में, टीम ने के2-18 के वायुमंडल में कार्बन युक्त गैसों - मीथेन और कार्बन डाईऑक्साइड के साक्ष्य जुटाए थे। इस पर हाइड्रोजन भी प्रचुर मात्रा में मिला था।
मधुसूदन ने कहा, हमें नहीं पता था कि पिछली बार जो संकेत हमने देखा था, वह (डाईमिथाइल सल्फाइड) के कारण था या नहीं, लेकिन इसका संकेत मात्र ही हमारे लिए इतना रोमांचक था कि हमने एक अन्य उपकरण का उपयोग करके जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से इसे दोबारा देखा। इस बार हमने पहले से भिन्न उपकरण का उपयोग किया है तथा प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की रेंज भी अलग है।
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