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    भगवान भोलेनाथ की पूजा, आदि योगी शिव के सामने तस्वीरें... कोयंबटूर में भारतीय संस्कृति में रंगे G20 प्रतिनिधि

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sun, 23 Jul 2023 12:35 PM (IST)

    Science 20 Summit Meeting तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा योग सेंटर में आदि योगी शिव के दर पर G20 के विज्ञान 20 शिखर बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर ज ...और पढ़ें

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    Science 20 Summit meeting at Isha Yoga Centre Coimbatore: आदि योगी शिव के दर पर हुई G20 की बैठक

    चेन्नई, एएनआई। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर (Coimbatore) में स्थित ईशा योग केंद्र (Isha Yoga Centre) में G20 की विज्ञान 20 शिखर बैठक (Science 20 Summit meeting) का आयोजन किया गया। इस दौरान 20 देशों के 100 प्रतिनिधियों ने केंद्र का दौरा किया।

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    भारतीय संस्कृति और योग का किया गया प्रदर्शन

    ईशा योग केंद्र का दौरा करने पहुंचे G20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के सामने भारतीय संस्कृति और योग परंपरा का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने आदि योगी शिव की प्रतिमा के सामने तस्वीरें भी खिंचवाई। इसके साथ ही उन्होंने भगवान भोलेनाथ को जल भी चढ़ाया।

    21-22 जुलाई को बैठक का आयोजन

    G20 की बैठक 21 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी। इसमें दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के लगभग 35 विदेशी प्रतिनिधि और 65 भारतीय प्रतिनिधि हरित भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा, सार्वभौमिक समग्र स्वास्थ्य और विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने के विषयों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे। प्रतिनिधियों में द रॉयल सोसाइटी (यूनाइटेड किंगडम), राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (यूएसए), अंतरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद, (फ़्रांस), सर्न (स्विट्जरलैंड), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञ शामिल थे।

    खुद को आनंदमय और समावेशी इंसान बनाना महत्वपूर्ण

    सद्गुरु ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं सहित 100 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र में कहा कि वैज्ञानिक प्रगति और तकनीकी प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में खुद को आनंदमय, समावेशी इंसान बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे ग्रह के प्रक्षेप पथ को बदलने के लिए यही आवश्यक है।

    मालाओं, ढोल और फूलों की पंखुड़ियों से किया गया स्वागत

    मालाओं, ढोल और फूलों की पंखुड़ियों के साथ पारंपरिक स्वागत से शुरुआत करके, प्रसिद्ध 112 फीट के आदियोगी में कल्याण की तकनीकों को समझने से लेकर योग सत्र में खुद को डुबोने तक, प्रतिनिधियों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के बारे में गहरी जानकारी मिली।

    प्रतिनिधियों ने की बैलगाड़ी की सवारी

    ईशा संस्कृति के छात्रों द्वारा शास्त्रीय भारतीय मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू  और शास्त्रीय भारतीय नृत्य भरतनाट्यम  का रोमांचक प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने बैलगाड़ी की सवारी भी की। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र में पवित्र स्थानों की यात्रा भी की। 

    भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (G20) नागराज नायडू काकनुर ने कहा,

    विज्ञान और आध्यात्मिकता का उद्देश्य हम सभी के सामने मौजूद प्रश्न को सुलझाना है। मुझे लगता है कि विज्ञान का लक्ष्य दुनिया को समझना है, आध्यात्मिकता का लक्ष्य भी काफी हद तक सत्य को समझना है। तो कुछ अर्थों में दोनों एक ही दृष्टिकोण का पालन करते हैं। हालांकि उपयोग और अनुप्रयोग थोड़े भिन्न हो सकते हैं। लेकिन आखिरकार, मुझे लगता है कि दोनों मानवता की भलाई के लिए काम करते हैं।

    G20 का अध्यक्ष है भारत

    बता दें, भारत इस समय G20 का अध्यक्ष है। उससे पहले, इंडोनेशिया G20 का अध्यक्ष था।