'हम चुप नहीं बैठ सकते...', दिल्ली-NCR के प्रदूषण को लेकर SC सख्त; एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि वह चुप नहीं बैठ सकता। चीफ जस्टिस ने पराली जलाने को प्रदूषण का एक कारण बताया और CAQM से प्रदूषण कम करने की योजनाओं पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने CAQM को एक हफ्ते में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
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दिल्ली-NCR के प्रदूषण को लेकर SC सख्त एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि वे चुप नहीं बैठ सकते। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने याद दिलाया कि कोविड-19 के समय लोग नीला आसमान और आकाश में तारे देख पा रहे थे, जो दिखाता है कि हवा साफ की जा सकती है।
सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक कारण है। इसे किसी तरह की राजनीति या अहंकार का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने CAQM और राज्य सरकारों से पूछा कि प्रदूषण कम करने की लागू योजनाएं आखिर हैं कहां।
SC ने कहा- कसनी होगी कमर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CAQM और राज्य एजेंसियों को अब कमर कसनी होगी और प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों को दिखाना होगा। कोर्ट ने जताया कि उन्हें योजनाओं के सिर्फ कागजी रूप से नहीं, बल्कि जमीन पर काम से मतलब है। CJI ने सख्त लहजे में कहा कि हम सिर्फ आपकी बातें मान नहीं सकते, समाधान विशेषज्ञों से ही आना चाहिए।
सुनवाई में CAQM ने बताया कि उसने हितधारकों से चर्चा की है। एएसजी ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, CPCB जैसी सभी एजेंसियों की एक्शन रिपोर्ट कोर्ट में दी जा सकती है। इस पर CJI ने कहा कि अदालत हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकती और सभी पक्षों को एक मंच पर लाकर चर्चा का माहौल दे सकती है।
कब होगी अगली सुनवाई?
कोर्ट ने CAQM से पूछा कि उसका शॉर्ट टर्म प्लान क्या है। CAQM ने बताया कि वह इस बारे में हलफनामा दे चुकी है, जबकि ASG ने कहा कि वे सभी एजेंसियों की एक्शन रिपोर्ट दाखिल कर देंगे। CJI ने निर्देश दिया कि CAQM एक हफ्ते के अंदर पराली के अलावा प्रदूषण के अन्य कारणों को रोकने के लिए उठाए गए असरदार कदमों की रिपोर्ट जमा करे। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

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