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    'चुनाव आयोग संभाल लेगा', आवारा कुत्तों के मामले पर SC का बिहार के मुख्य सचिव को झटका

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:45 PM (IST)

    उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुख्य सचिव को आवारा कुत्तों के मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि अब इस मामले को चुनाव आयोग ही संभालेगा। न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। यह फटकार आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने में विफलता के कारण लगी है। 

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    आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। (एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आवारा कुत्तों के मामले में तीन नवंबर की सुनवाई में बिहार के मुख्य सचिव को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया। मुख्य सचिव की तरफ से राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राहत के लिए अपील की गई थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि राज्य में चुनाव आयोग सब व्यवस्था संभाल लेगा। चिंता न करें। मुख्य सचिव को आने दें।

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    बता दें कि बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि आवारा कुत्तों की देशव्यापी समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर न करनेवाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। हलफनामा दायर करनेवाले बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली को राहत दी गई है। 27 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हलफनामा दायर न करने पर नाराजगी भी जताई थी।

    आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर SC ने लिया स्वत: संज्ञान

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 28 जुलाई को आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। मुख्य सचिव के वकील की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव को राज्य के चुनाव में कुछ नहीं करना होता है। जब वकील ने कहा कि उनकी जगह किसी अन्य सचिव स्तरीय अधिकारी को पेश होने की इजाजत दी जाए, तो इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य सचिवों को अपना काम करने दें।

    आवारा कुत्तों की वजह से विदेश में भारत का सिर शर्म से झुकता है- कोर्ट

    अदालत ने कहा था कि आवारा कुत्तों की वजह से विदेश में भारत का सिर शर्म से झुकता है। पीठ ने नगर निगम के अधिकारियों को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के तहत उपलब्ध कुत्ता बाड़े, पशु चिकित्सकों, कुत्ते पकड़ने वाले कर्मियों और विशेष रूप से संशोधित वाहनों और पिंजरों जैसे संसाधनों के पूर्ण आंकड़ों को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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