SC का चुनाव आयोग को निर्देश, रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना 11 नवंबर से पहले नहीं करे जारी
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को 11 नवंबर को या उसके बाद रामपुर विधानसभा सीट के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने का निर्देश दिया है। हालांकि यह सपा नेता आजम खान की सजा पर रोक के आवेदन के परिणाम पर निर्भर करता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा होने के कारण विधायकी से अयोग्य हुए समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने आजम को अदालत से दोषसिद्धि पर रोक हासिल करने और अपनी सदस्यता बचाने के लिए एक दिन का मौका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना 11 नवंबर से पहले नहीं जारी करे।
फैसला के बाद अधिसूचना जारी करने का निर्देश
कोर्ट ने कहा है कि आयोग आजम की अर्जी पर आने वाले फैसले को देखते हुए ही अधिसूचना जारी करे। इसके साथ ही कोर्ट ने रामपुर के एडीशनल सेशन जज को निर्देश दिया है कि वह सजा और दोषसिद्धि पर रोक की मांग वाली आजम खां की अर्जी पर 10 नवंबर को सुनवाई करके फैसला दे दें। ये आदेश बुधवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, हिमा कोहली और जेबी पार्डीवाला की पीठ ने सपा नेता मोहम्मद आजम खां की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए।
आजम खां ने जताई थी आपत्ति
आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर की एमपी/एमएलए विशेष अदालत के एडीशनल चीफ ज्यू़डिशियल मजिस्ट्रेट ने 27 अक्टूबर को उन्हें दोषी ठहराते हुए तीन साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी। तीन साल की सजा के कारण वे अयोग्य हो गए थे लेकिन उन्हें सजा के खिलाफ अपील करने का कोई समय नहीं मिला। अगले ही दिन 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा ने उनकी रामपुर की विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया। इसके बाद पांच नवंबर को चुनाव आयोग ने विभिन्न राज्यों में उपचुनाव कार्यक्रम से संबंधित प्रेस रिलीज जारी की। इसमें अन्य जगहों के साथ ही रामपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की घोषणा की गई है। उपचुनाव के बारे में चुनाव आयोग 10 नवंबर को अधिसूचना जारी करने वाला है।
आजम खां ने भेदभाव का लगाया था आरोप
आजम खां की ओर से दलील दी गई कि उनके साथ भेदभाव किया गया है। उनके मामले में सजा के अगले ही दिन सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया जबकि विधायक विक्रम सैनी को जो कि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से विधायक हैं, को भड़काऊ भाषण के मामले में 11 अक्टूबर को अदालत से सजा हुई थी लेकिन उनकी सीट को विधानसभा ने सात नवंबर को रिक्त घोषित किया और चुनाव आयोग ने वहां भी आठ नवंबर को उपचुनाव की घोषणा की। आजम के वकील ने कहा कि उन्होंने नौ नवंबर को रामपुर की सत्र अदालत में सजा के खिलाफ अपील दाखिल कर दी है। अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत भी दे दी है, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख लगा दी है।
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