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    संजय कुमार की पंचायतों को भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनने पर 10 लाख की पेशकश

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:22 PM (IST)

    केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने करीमनगर लोकसभा क्षेत्र के गांवों को भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनने पर 10 लाख रुपये देने का वादा किया है। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर पंचायतों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए मतदाताओं से इस बार किसी भी चालाकी में न आने की अपील की है। उन्होंने सांसद निधि से यह राशि देने की बात कही है।

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    केंद्रीय मंत्री बंडी संजय कुमार। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने ग्राम पंचायत चुनाव के लिए अपने करीमनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के गांवों के लिए 10 लाख रुपये का फंड देने की पेशकश की।

    उन्होंने इस रकम का प्रलोभन देते हुए कहा कि यदि वे अगले महीने तेलंगाना में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों में भाजपा समर्थित उम्मीदवार का चुनाव करते हैं, तो वह यह रकम अपनी सांसद निधि से देंगे।

    उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की बीआरएस और कांग्रेस सरकारों ने केवल ''लोगों को धोखा'' दिया है, जो पंचायतों को उनके पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चुनाव करने पर फंड देने का वादा करती थीं। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वे इस बार ऐसे चालाकियों में न आएं।

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    'तुरंत पाएं 10 लाख रुपये'

    केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा,''करीमनगर के गांव: एक भाजपा समर्थित उम्मीदवार का सर्वसम्मति से चुनाव करें और विकास के लिए तुरंत 10 लाख रुपये प्राप्त करें। यदि आपके गांव ने करीमनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा समर्थित अध्यक्ष का सर्वसम्मति से चुनाव किया, तो मैं उस गांव के विकास के लिए सीधे 10 लाख रुपये का फंड दूंगा। कोई देरी नहीं, कोई बहाना नहीं।''

    'सांसद निधि का फंड है उपलब्ध'

    उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में उनके पास सांसद निधि का फंड उपलब्ध है। लोग पहले से ही जानते हैं कि उन्होंने कारर्पोरेट सोशल रिस्पान्सिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से करोड़ों रुपये कैसे लाए और उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए निवेश किया।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व की बीआरएस सरकार ने उन पंचायतों को पांच लाख रुपये देने का वादा किया था जहां चुनाव सर्वसम्मति से होते हैं व करीमनगर संसदीय क्षेत्र के लगभग 70 गांवों ने इस आश्वासन पर भरोसा करते हुए बीआरएस उम्मीदवारों का सर्वसम्मति से चुनाव किया। लेकिन पांच साल बाद भी तब की केसीआर सरकार द्वारा एक भी रुपया जारी नहीं किया गया।

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