Sam Pitroda : 'पाकिस्तान में घर जैसा...', सैम पित्रोदा ने फोड़ा एक और बम; उठा सियासी बवंडर
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के एक और बयान ने विवाद पैदा कर दिया है जिसमें उन्होंने सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाकर उन्हें घर जैसा महसूस होता है। भाजपा ने इस बयान की आलोचना की है। पित्रोदा ने पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की बात कही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के ताजा बयान ने एक बार फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। पित्रोदा ने इस बार केंद्र सरकार को पड़ोसी देशों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने की नसीहत दी थी। इस दौरान उन्होंने कह दिया कि वह पाकिस्तान गए हैं और उन्हें वहां घर जैसा लगता है।
उनके इस बयान को भाजपा ने आड़े हाथों ले लिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी के खास आदमी और कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगा। कोई हैरानी नहीं कि 26/11 के बाद भी यूपीए ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान का पसंदीदा, कांग्रेस का चहेता!
पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करने की नसीहत
दरअसल सैम पित्रोदा ने केंद्र सरकार को भारत के पड़ोसी देशों, खासकर पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करने की नसीहत दी है। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मेरी राय में हमारी विदेश नीति में सबसे पहले आपको अपने पड़ोस पर ध्यान देना चाहिए। क्या हम सच में अपने पड़ोसियों के साथ संबंध बेहतर कर सकते हैं?'
Watch: Indian Overseas Congress chief Sam Pitroda says, "Our foreign policy, according to me, must first focus on our neighbourhood. Can we really substantially improve relationships with our neighbours?... I've been to Pakistan, and I must tell you, I felt at home. I've been to… pic.twitter.com/DINq138mvW
— IANS (@ians_india) September 19, 2025
पित्रोदा ने आगे कहा, 'मैं पाकिस्तान गया हूं। वहां मुझे घर जैसा लगा। मैं बांग्लादेश भी गया हूं। नेपाल भी गया हूं। वहां भी मुझे घर जैसा लगा। मुझे लगता ही नहीं कि मैं किसी दूसरे देश में हूं।' इसके पहले पित्रोदा ने भारत-चीन संबंधों पर भी विवादित टिप्पणी कर बखेड़ा खड़ा कर दिया था। पित्रोदा ने कह दिया था कि भारत चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है।
सैम पित्रोदा 1980 के दशक में जब चर्चा में आने लगे थे, जब वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी टेक्नोक्रेट के रूप में प्रसिद्ध हुए थे। उन्हें गांधी परिवार का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। लेकिन अक्सर वह अपने बयानों से विवाद खड़ा कर देते हैं।
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