Sam Pitroda: सैम पित्रोदा समेत छह पर केस दर्ज, सरकारी जमीन हड़पने आरोप
कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ स्पेशल एंटी-लैंड ग्रैबिंग कोर्ट में केस दर्ज किया गया है। पूरा मामले कर्नाटक के बेंगलुरु में सरकारी जमीन के कथित अवैध इस्तेमाल से जुड़ा है। शिकायत और सहायक दस्तावेजों के आधार पर आज कर्नाटक में भूमि हड़पने की रोकथाम के लिए विशेष न्यायालय में सैम पित्रोदा समेत अन्य पर भूमि हड़पने का आरोप लगाते हुए आपराधिक मामले दर्ज किए।
पीटीआई, बेंगलुरु। कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा उर्फ सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा और अन्य के खिलाफ सोमवार को स्पेशल एंटी-लैंड ग्रैबिंग कोर्ट में मामला दर्ज किया गया। यह मामला कर्नाटक के बेंगलुरु में सरकारी जमीन के कथित अवैध इस्तेमाल से जुड़ा है।
कांग्रेस के ओवरसीज यूनिट के अध्यक्ष सैम पित्रोदा, एफआरएलएचटी (फाउंडेशन फार रिविटलाइजेशन आफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशंस) संगठन के संस्थापक दर्शन शंकर और कर्नाटक वन विभाग के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित तौर पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है।
क्या है मामला?
1996 में एफआरएलएचटी ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से येलाहंका के पास जराकबांडे कवल में पांच हेक्टेयर (12.35 एकड़) आरक्षित वन भूमि पांच साल के पट्टे पर प्राप्त की। इस पट्टे को 2001 में 10 और वर्षों के लिए नवीनीकृत किया गया था। हालांकि, पट्टा 2011 में समाप्त हो गया और तब से एफआरएलएचटी ने कथित तौर पर 14 वर्षों से अधिक समय से अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करना जारी रखा है।
पौधों को बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप
भूमि का मूल्य 150 करोड़ रुपये से अधिक है और इसका बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये से अधिक है। संगठन ने भूमि पर उगाए गए दुर्लभ हर्बल पौधों को बेचकर सालाना लगभग पांच से छह करोड़ रुपये कमाए हैं। इस मुद्दे के संबंध में 24 फरवरी, 2025 को लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज की गई थी।
शिकायत और सहायक दस्तावेजों के आधार पर आज कर्नाटक में भूमि हड़पने की रोकथाम के लिए विशेष न्यायालय में सैम पित्रोदा, दर्शन शंकर और कर्नाटक वन विभाग के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित अवैध भूमि हड़पने का आरोप लगाते हुए आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
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