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    Enemy property case: सैफ को मिलेगी या सरकार की सेफ कस्टडी में जाएगी 15000 करोड़ की संपत्ति; कौन है भोपाल के नवाब का असली वारिस?

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 06:42 PM (IST)

    Saif ali khan enemy property case बॉलीवुड अभिनेता व पटौदी परिवार के वारिस सैफ अली खान और उनके परिवार की करीब 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर अब सरकार का हक हो सकता है। शत्रु संपत्ति क्‍या होती है और इसके लिए कब कानून बना जो पटौदी परिवार की संपत्ति पर लागू किया जा रहा है? अगर आपको भी इन सवालों के जवाब नहीं पता यहां पढ़ें ...

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    पटौदी परिवार की 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर विवाद: शत्रु संपत्ति कानून और भोपाल नवाब की विरासत। ग्राफिक्‍स टीम

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। बॉलीवुड अभिनेता व पटौदी परिवार के वारिस सैफ अली खान और उनके परिवार की करीब 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर अब सरकार का हक हो सकता है। दरअसल, यह मामला शत्रु संपत्ति का है।

    मध्‍यप्रदेश हाईकोर्ट ने संपत्ति से स्‍टे हटाते हुए पटौदी परिवार को 30 दिन के भीतर अपीलीय प्राधिकरण के पास अपना पक्ष रखने को कहा था। कोर्ट की ओर से दिए गए 30 दिन 12 जनवरी 2025 को खत्‍म हो गए। जबकि PTI की माने तो 23 जनवरी तक सैफ अली खान ने अपील दायर नहीं की है।

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    अब सवाल ये हैं कि 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति का पूरा मामला क्‍या है? नवाब का असली वारिस कौन है? शत्रु संपत्ति क्‍या होती है और इसके लिए कब कानून बना, जो पटौदी परिवार की संपत्ति पर लागू किया जा रहा है? अगर आपको भी इन सवालों के जवाब नहीं पता तो कोई बात नहीं, हम आपको एक-एक कर सभी सवालों के जवाब यहां बताते हैं…

    भोपाल रियासत के आखिरी नवाब की संपत्ति

    15000 हजार करोड़ की जिस संपत्ति की चर्चा हो रही है, वो भोपाल राज परिवार की है। भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान थे। हमीदुल्लाह मोहम्‍मद अली जिन्‍ना के करीबी थे। धर्म के आधार पर अलग देश बनाने के जिन्‍ना के अभियान को उनका पूरा साथ मिला था।

    तब भोपाल रियासत देश की दूसरी सबसे बड़ी रियासत थी। नवाब हमीदुल्लाह खान भोपाल रियासत को पाकिस्‍तान में शामिल करना चाहते थे, लेकिन चारो ओर जमीन से घिरे यानी लैंड लॉक भोपाल होने के कारण उनकी यह प्‍लान पूरा नहीं हो पाया। जिन्‍ना ने भी खास तवज्‍जो नहीं दी और वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने खान साहब का साथ देने आगे नहीं आए।

    आखिर में भोपाल रियासत का भारत में विलय हो गया। नवाब की तीन बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान बंटवारे के बाद 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं और वहीं की नागरिक बन गई थीं। साल 1960 में नवाब हमीदुल्लाह खान का निधन हो गया। आबिदा का एक बेटा भी है, लेकिन आबिदा की मौत के बाद भी वह वापस भारत नहीं आया।

    भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान, अपनी बेगम मैमूना सुल्‍तान और तीनों बेटियों- राबिया, आबिदा और साजिदा के साथ। (बाएं से दाएं)

    संपत्ति से क्‍या सैफ अली खान का कनेक्‍शन?

    नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में ही रहीं। पिता की विरासत उन्‍होंने ही संभाली। साजिदा ने भारत और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल चुके नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की। साजिदा और पटौदी के बेटे मंसूर अली खान पटौदी को सब टाइगर पटौदी के नाम से भी जानते हैं।

    उनकी बल्‍लेबाजी और कप्‍तानी के लोग अब तक मुरीद हैं। टाइगर पटौदी ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी। टाइगर पटौदी और शर्मिला टैगोर के बेटे हैं और साजिदा व इफ्तिखार अली खान के पोता हैं सैफ अली खान। इसलिए भोपाल राज परिवार की संपत्ति के वारिस भी सैफ को माना गया।

    भोपाल के नवाब का वारिस कौन?

    जब भोपाल रियासत का भारत में विलय हुआ था, तब जिस दस्‍तावेज पर नवाब ने हस्ताक्षर किए थे उसमें और भोपाल गद्दी उत्‍तराधिकारी अधिनियम 1947 में साफ लिखा है- नवाब हमीदुल्लाह खान की सबसे बड़ी संतान को उनका वारिस माना जाएगा, चाहे वह पुत्र हो या पुत्री।

    आबिदा पाकिस्तान ख्जा चुकी थीं और 1960 में नवाब का निधन हो गया था। तब 1961 में सरकार ने एक निर्देश जारी कर नवाब की दूसरी बेटी को साजिदा को नवाब हमीदुल्लाह खान का उत्तराधिकारी बना दिया।

    इस मामले में पेच ये फंसता है कि विलय समझौता के मुताबिक, सरकार आबिदा खान को नवाब की संपत्ति का वारिस मानती है, जबकि नवाब परिवार का तर्क है कि वो पाकिस्तान चली गईं और उनका भारत की संपत्ति पर कोई दावा नहीं बनता है।

    भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान और उनकी दूसरी बेटी साजिदा।

    शत्रु संपत्ति क्‍या है?

    शत्रु संपत्ति यानी उन लोगों की संपत्ति जो देश छोड़कर उन देशों के नागरिक बन गए, जिनको संघर्ष के समय भारत ने शत्रु देश का दर्जा दिया था। शत्रु संपत्ति कानून को 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद लाया गया था।

    शत्रु संपत्ति कानून के मुताबिक, जिन लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ पाकिस्तान और चीन की नागरिकता अपना ली थी, भारत में मौजूद उनकी संपत्तियों को केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर उनका अधिग्रहण कर लिया।

    साल 2017 में इस कानून में संशोधन कर शत्रु की परिभाषा के दायरे को और बढ़ाया गया। शत्रु संपत्ति कानून संशोधित में शत्रु संपत्ति के दायरे में संपत्ति के मूल मालिक के कानूनी वारिस को भी लाया गया। फिर चाहे वह शत्रु देश का नागरिक हो, अपने देश का फिर किसी तीसरे देश का।

    कानून में संशोधन के बाद सरकार को 'शत्रु संपत्ति' के सभी दावेदारों को खारिज करने की पॉवर मिल गई।

    पटौदी खानदान की संपत्ति का विवाद क्‍या है?

    साल 2015 में शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक (Custodian of Enemy Property Department) ने नवाब की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया।

    केंद्र सरकार ने कहा था- 

    नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वैध वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थीं, जोकि पाकिस्‍तान चली गईं। इसलिए यह संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के दायरे में आती है।

    इस फैसले के विरोध में एक्‍टर सैफ अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने मध्‍य प्रदेश हाईकोई का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट में 2015 से सैफ अली खान की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। 2019 में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें कहा कि सैफ की दादी साजिदा ही संपत्ति की कानूनी वारिस हैं।

    इसके बाद शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक की ओर से पटौदी परिवार को एक नोटिस भी जारी किया गया। जवाब में सैफ अली खान ने नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी और अपनी संपत्ति पर स्टे ले लिया।

    कोर्ट ने पटौदी परिवार की संपत्ति से स्‍टे हटाया 

    13 दिसंबर 2014 को मध्‍यप्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सैफ अली खान की याचिका खारिज करते हुए स्टे हटा दिया। बेंच ने पटौदी परिवार को अपना पक्ष रखने के लिए 30 दिन का समय भी दिया।

    23 जनवरी 2025 तक सैफ अली खान ने न कोर्ट पक्ष में रखा है और शत्रु संपत्ति विभाग में अपील की है। यानी कि हाईकोर्ट की ओर से सैफ अली खान को अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया वक्‍त खत्‍म हो चुका है। नतीजन शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत यह संपत्ति सरकार के पास जा सकती है। हालांकि, सैफ अली खान के पास अभी सुप्रीम कोर्ट में अपील करना का विकल्‍प है।

    भोपाल में कौन-कौन सी है शत्रु संपत्ति?

    सरकार ने साजिदा की बजाय नवाब की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान को वारिस मानते हुए उनके पाकिस्तान चले जाने की बात पर ज्‍यादा जोर दिया। इसी आधार पर भोपाल में हमीदुल्लाह खान की संपत्तियों के शत्रु संपत्ति होने का दावा भी किया।

    15000 करोड़ की इन संपत्तियों में वो फ्लैग स्‍टाफ हाउस (जहां सैफ ने अपना बचपन बिताया), नूर उस सबाह पैलेस नाम का आलीशान होटल, दार उस सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा भी शामिल हैं।

    देश में कितनी शत्रु संपत्तियां हैं?

    केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश में शत्रु संपत्तियों की संख्या 12,983 के करीब है। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 5,688 और पश्चिम बंगाल में 4,354 में हैं।

    यह भी पढे़ं- Saif Ali Khan Attack: पुलिस कस्टडी में ही रहेगा सैफ अली खान का हमलावर शरीफुल, कोर्ट ने 29 जनवरी तक हिरासत में भेजा

    Source: 

    • जागरण नेटवर्क 
    • शत्रु संपत्ति विधेयक 2016 -https://shorturl.at/PYHlr
    • सरकारी वेबसाइट भारतीय संस्‍क‍ृति - https://shorturl.at/BnpB4