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    सबरीमाला गोल्ड चोरी मामले में SIT की बड़ी कार्रवाई, मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी गिरफ्तार

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:48 AM (IST)

    केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी के मामले में एसआईटी ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार किया है। यह मामला मंदिर के गर्भगृह से सोने की परत की चोरी से संबंधित है। एसआईटी ने पोट्टी के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। बोर्ड के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने बताया कि दोषी अधिकारियों को नोटिस दिया गया है और खोई हुई संपत्ति वापस मिलनी चाहिए।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी के मामले में एसआईटी ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पोट्टी से क्राइम ब्रांच की टीम तिरुवनंतपुरम में पूछताछ कर रही थी। पूछताछ के बाद केरल उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

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    दरअसल, यह पूरा मामला केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह के लकड़ी के पैनल और द्वारपालक (द्वारपालक) की मूर्तियों से सोने की परत की चोरी से संबंधित है। यह कार्रवाई कोर्ट द्वारा गठित कई गई एसआईटी द्वारा की गई। एसआईटी ने पोट्टी के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, पोट्टी पर कथित तौर पर एक प्रायोजक की आड़ में मंदिर से सोने की तस्करी करने का आरोप है।

    एसआईटी कर सकती हिरासत की मांग

    गुरुवार देर रात तिरुवनंतपुरम जनरल अस्पताल में उन्नीकृष्णन पोट्टी की मेडिकल जांच हुई और आज दोपहर उन्हें रन्नी अदालत में पेश किया जाएगा। एसआईटी आगे की पूछताछ और जांच के लिए उनकी हिरासत की भी मांग कर सकती है।

    सेवानिवृत्त अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस

    त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने बताया कि सबरीमाला सोना चोरी मामले में कथित संलिप्तता के लिए सहायक अभियंता के. सुनील कुमार को निलंबित कर दिया था। कुमार को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। प्रशांत ने कहा कि सोना चढ़ाने के विवाद में शामिल सेवानिवृत्त अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा और जवाब देने के लिए 10 दिनों का समय दिया जाएगा। स्पष्टीकरण मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

    खोई हुई संपत्ति वापस मिलनी चाहिए

    प्रशांत ने 2019 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि खोई हुई संपत्ति वापस मिलनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि " देवस्वम बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और कर्मचारियों पर हमले" खेदजनक हैं क्योंकि बोर्ड सभी रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा है। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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