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    'खालिस्तानियों के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता दिखती है', एस जयशंकर सुरक्षा चूक मामले में बोला विदेश मंत्रालय

    Updated: Fri, 07 Mar 2025 06:09 PM (IST)

    लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा भंग की घटना पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंत्रालय ने इसे खालिस्तानी चरमपंथियों की धमकी और ब्रिटेन की उदासीनता का परिणाम बताया। चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।

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    विदेश मंत्री की सुरक्षा में हुई थी चूक।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा भंग (S. Jaishankar Security Breach) होने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह खालिस्तानी चरमपंथी ताकतों की धमकी और डराने-धमकाने के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता को दर्शाता है।

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    विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बारे में यूके प्राधिकारियों को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया है।

    'ब्रिटेन की कार्रवाई का इंतजार'

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा के दौरान "ब्रिटेन स्थित अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों" द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में ब्रिटेन के अधिकारियों को अपनी "गहरी चिंता" से अवगत कराया है।

    उन्होंने कहा, "इस घटना का एक बड़ा संदर्भ है और इसे समझना अहम है। इससे ऐसी ताकतों को दी गई छूट और साथ ही ब्रिटेन में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों में बाधा डालने के मकसद से उनकी धमकी, डराने-धमकाने और अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता सामने आती है।"

    "हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय के बयान पर गौर किया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा नजरिया दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

    क्या है पूरा मामला?

    बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।

    बता दें इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी। इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब कर इस घटना की जानकारी मांगी। वहीं ब्रिटेन ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस घटना की जांच में जुटी है।

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