'तुरंत एक्शन; निंदा और मंजूर नहीं', जयशंकर की सुरक्षा में चूक पर UK ने दी सफाई
विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में चूक पर अब यूके का रिएक्शन आ गया है। यूके के विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसके पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि यूके अपने राजनयिक दायित्वों का पालन करे। इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानियों ने उच्चायोग की सुरक्षा भंग की थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब ब्रिटेन (UK) के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी निंदा की है। ब्रिटेन ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है।
दरअसल बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।
भारत ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि भारत ने विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। भारत ने कहा था कि वह उम्मीद करता है कि मेजबान सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।
भारत ने खालिस्तानियों को जिक्र करते हुए कहा था कि वह लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं।'
यूके ने की कड़ी निंदा
- रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।'
- यूके विदेश मंत्रालय ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने घटना पेर तुरंत एक्शन लिया और वह घटना की कड़ी निंदा करता है। सोशल मीडिया पर नारेबाजी करते हुए खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों का वीडियो काफी वायरल है।
पहले भी हुई थी घटना
खालिस्तानी तत्वों द्वारा सुरक्षा भंग करने की यह पहली घटना नहीं थी। इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी।
घटना के बाद, भारत ने दिल्ली में सबसे वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था। भारत ब्रिटेन से ब्रिटिश धरती से सक्रिय खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लंबे वक्त से कह रहा है।
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