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    Jaishankar on PM: जयशंकर ने की PM मोदी की तारीफ, बोले- उनके अलावा कोई और होता तो नहीं बनाता मुझे विदेश मंत्री

    By Preeti GuptaEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sun, 29 Jan 2023 01:14 PM (IST)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर पुणे में अपनी अंग्रेजी किताब द इंडिया वे स्ट्रैटेजीज़ फॉर एन अनसर्टेन के मराठी अनुवाद के विमोचन समारोह में गए थे। जहां उन्होंने मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पीएम के अलावा किसी और प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्री नियुक्त नहीं किया होता। (फोटो- एजेंसी)

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    जयशंकर ने की PM मोदी की तारीफ बोले वह पीएम नही होते तो मैं विदेश मंत्री नहीं बन पाता।

    नई दिल्ली, एएनआई। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पुणे में अपनी अंग्रेजी किताब "द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज़ फॉर एन अनसर्टेन के विमोचन समारोह में शामिल हुए थे। उनकी इस पुस्तक का मराठी भाषा में भारत मार्ग नाम के साथ अनुवाद किया गया है। भारत मार्ग पुस्तक के विमोचन में जयशंकर कार्यक्रम में गए थे। 

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    पहले विदेश सचिव थे जयशंकर

    कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा किसी और प्रधानमंत्री ने उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त करता। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त होने से पहले केवल विदेश सचिव बनना ही उनकी महत्वाकांक्षा की सीमा थी। बता दें कि जयशंकर ने विदेश मंत्रालय में विदेश सचिव के रूप में कार्य किया था।

    विदेश सचिव बनना ही सपनों की सीमा थी- जयशंकर

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम में कहा कि मेरे लिए विदेश सचिव बनना ही स्पष्ट रूप से मेरी महत्वाकांक्षा की सीमा थी। मैंने कभी मंत्री बनने का सपना भी नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन नहीं है कि नरेंद्र मोदी के अलावा कोई और प्रधानमंत्री मुझे विदेश मंत्री बनाता। 

    सुषमा स्वराज के साथ काम करने का अनुभव किया साझा

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि मैं वास्तव में कभी-कभी खुद से भी पूछता हूं कि अगर वह प्रधानमंत्री नहीं होते तो क्या मुझमें राजनीति में प्रवेश करने की हिम्मत होती, मुझे नहीं पता। उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव के रूप में काम करने के अपने अनुभव को भी साझा किया।

    सुषमा स्वराज के साथ जयशंकर का अच्छा था तालनमेल

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास एक बहुत-बहुत अच्छी मंत्री सुषमा जी थीं। हम व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी तरह से साथ थे। मैं कहूंगा कि हमारा तालमेल एक मंत्री और विदेश सचिव के रूप में बेहद अच्छा था। तो वहीं उन्होंने आगे यह भी कहा कि सुषमा जी से लेकिन, मैंने एक बात सीखी है कि जिम्मेदारियों में अंतर होता है। उन्होंने कहा कि सचिव और मंत्री होने में एक बड़ा अंतर है।

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    'विदेश सचिव के लिए मंत्री छतरी के रूप में करता है काम'

    जयशंकर ने कहा कि सचिव के पास उनके ऊपर एक मंत्री होता जो संसद के प्रति जवाबदेह होता है, सार्वजनिक रूप से जवाबदेह होता है। वह अभी भी एक सचिव को सुरक्षा और आराम देता है। जयशंकर ने आगे कहा कि आप जानते हैं कि विदेश सचिव के ऊपर विदेश एक छतरी और ढाल के रूप में कार्य करता है।

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