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    'इजरायल के साथ खड़ा है भारत लेकिन...' संसद में एस जयशंकर ने फलस्तीन का जिक्र करते हुए क्या कहा?

    राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जयशंकर ने गाजा पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों से भारत के कथित रूप से दूर रहने के दावे पर जवाब दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फलस्तीन से संबंधित 13 प्रस्ताव पेश किए गए हैं। इनमें से भारत ने 10 प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया।

    By Piyush Kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 05 Dec 2024 03:47 PM (IST)
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    Israel Palestine conflict: एस जयशंकर ने कहा कि भारत इजरायल-फलस्तीन संघर्ष को लेकर दो राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष में दो राष्ट्र समाधान सिद्धांत का अक्सर जिक्र किया जाता है। माना जाता है कि दशकों से जारी इस विवाद को दो राष्ट्र समाधान सिद्धांत के जरिए ही हल खोजा जा सकता है। भारत भी लगातार इसी बीत का वकालत करता आया है।

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    गुरुवार को संसद में अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फलस्तीनी राज्य की वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत, इजरायल-फलस्तीन संघर्ष को लेकर दो राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है।

    फलस्तीन की लोगों तक लगातार मदद पहुंचा रहा भारत 

    राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जयशंकर ने गाजा पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों से भारत के कथित रूप से दूर रहने के दावे पर जवाब दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फलस्तीन से संबंधित 13 प्रस्ताव पेश किए गए हैं। इनमें से भारत ने 10 प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया। तीन प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया।

    बता दें कि फलस्तीन को लोगों की मदद के लिए भारत हमेशा खड़ा रहा है। इसी साल जुलाई में भारत ने वर्ष 2024-25 के लिए फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी को 2.5 मिलियन डॉलर की पहली किस्त जारी की।

    संघर्ष के बीच केंद्र सरकार ने लगभग 70 मीट्रिक टन सहायता प्रदान की है, जिसमें दो किस्तों में 16.5 मीट्रिक टन दवाइयां और चिकित्सा आपूर्ति शामिल है।

    पीएम मोदी ने युद्ध विराम की अपील की 

    इसी साल 22 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में भविष्य के शिखर सम्मेलन के दौरान फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की तथा युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और नए सिरे से कूटनीतिक वार्ता की मांग दोहराई थी।

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