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    India-China: भारत-चीन एलएसी गश्त समझौते के लिए एस जयशंकर ने सेना को सराहा, ड्रैगन के भरोसे को लेकर कही ये बात

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 27 Oct 2024 12:24 AM (IST)

    एस जयशंकर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी तो यह निर्णय लिया गया था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए। सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में वहां (एलएसी पर) मौजूद थी।

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    भारत-चीन एलएसी गश्त समझौते के लिए एस जयशंकर ने सेना को सराहा

    पीटीआई, पुणे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए सफल समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में और कुशल कूटनीति से काम किया। जयशंकर ने छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने में अभी समय लगेगा। भरोसे को फिर से कायम करने और साथ मिलकर काम करने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा।

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    सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया

    जयशंकर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, तो यह निर्णय लिया गया था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए। यदि आज हम यहां तक पहुंचे हैं, तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी बात पर अड़े रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया है। सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में वहां (एलएसी पर) मौजूद थी। सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया।

    उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। एक समस्या यह भी रही कि पहले के वर्षों में सीमा पर बुनियादी ढांचे की वास्तव में उपेक्षा की गई थी। आज हम एक दशक पहले की तुलना में प्रति वर्ष पांच गुना अधिक संसाधन लगा रहे हैं। इसके परिणाम सामने आ रहे हैं और सेना को वास्तव में प्रभावी ढंग से तैनात करने में सक्षम बना रहे हैं।

    पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी

    कुछ दिन पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था, जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। जून 2020 में गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

    विश्वास है कि मीडिया सकारात्मक तरीके से लिखेगा

    एस जयशंकर ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया की अनुकूल कवरेज को लेकर चुटकी ली। उन्होंने भाजपा के पश्चिमी महाराष्ट्र मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मुझे खुशी है कि मैं विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने आ सका। मैं भविष्य में भी यहां आता रहूंगा। मुझे विश्वास है कि मीडिया हमारे (भाजपा) बारे में सकारात्मक तरीके से लिखेगा। -

    प‌ूर्वी लद्दाख से सुचारु रूप से हो रही सैनिकों की वापसी : चीन

    चीन ने कहा है कि भारत के साथ हाल ही में हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी सुचारु रूप से हो रही है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने पत्रकारों को बताया कि सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चीन और भारत के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने जवानों की वापसी में जुटी हैं और यह प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है।