स्वदेशीकरण के कारण भारतीय वायुसेना पर रूस-यूक्रेन संघर्ष का असर नहीं: एयर मार्शल विभास पांडे
भारतीय वायुसेना के रखरखाव कमान प्रमुख एयर मार्शल विभास पांडे ने कहा कि वर्तमान रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है लेकिन भारतीय वायुसेना में स्वदेशीकरण के कारण इसका असर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एसयू- 30 एक हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) निर्मित विमान है। एयर मार्शल ने बताया कि बीआरडी ने एआरएस (स्वचालित पुनपूर्ति प्रणाली) को स्वदेशी बना दिया है।
भोपाल, एएनआई। वर्तमान रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है, लेकिन भारतीय वायुसेना में स्वदेशीकरण के कारण इसका असर नहीं हुआ है। हमारे पास अंतर्निहित क्षमताएं हैं। यह बात भारतीय वायुसेना के रखरखाव कमान प्रमुख एयर मार्शल विभास पांडे ने गुरुवार को भोपाल में समाचार एजेंसी एएनआइ से विशेष चर्चा में कही।
एचएएल निर्मित विमान है एसयू- 30
उन्होंने कहा कि एसयू- 30 एक हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) निर्मित विमान है। समय के साथ एचएएल ने बहुत सारे उपकरण भी स्वदेशी बना लिए हैं, जिनकी एसयू -30 के संचालन के लिए विशेष रूप से दिन-प्रतिदिन के लिए आवश्यकता होती है। एचएएल और बीआरडी (बेस रिपेयर डिपो) में हुए स्वदेशीकरण के कारण हम पर रूस-यूक्रेन संघर्ष का बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।
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बीआरडी ने एआरएस को बना दिया है स्वदेशी
उन्होंने कहा कि बीआरडी ने एआरएस (स्वचालित पुन:पूर्ति प्रणाली) को स्वदेशी बना दिया है। यूक्रेन में मौजूदा संघर्ष के कारण भारतीय वायुसेना में आपूर्ति में चुनौतियां पैदा होने के सवाल पर पांडे ने कहा कि मौजूदा संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है। केवल डिजाइन या संरचनात्मक समस्याओं के क्षेत्र में ही भारत को रूस या यूक्रेन से समर्थन की प्रतीक्षा करने की जरूरत है।
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