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    UN में रुचिरा कंबोज की दो टूक; जी-20 में हमारे रुख की हुई पुष्टि, सतत विकास लक्ष्य के प्रति भारत प्रेरक उदाहरण

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Mon, 25 Sep 2023 07:26 PM (IST)

    रुचिरा कंबाज ने अपने संबोधन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एसडीजी प्रगति रिपोर्ट से पता चलता है कि सतत विकास लक्ष्य का केवल 12 प्रतिशत लक्ष्य पटरी पर है 50 प्रतिशत की प्रगति कमजोर और अपर्याप्त है और सबसे बुरी बात यह है कि दुनिया रुक गई है। रुचिरा ने कहा कि आज बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं।

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    नई दिल्ली के शिखर सम्मेलन में भारत के सामूहिक संकल्प की फिर से पुष्टि हुई।

    न्यूयार्क, पीटीआई: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्य को वार्ता के केंद्र में रखा गया। इसके क्रियान्वयन को लेकर भी प्रतिबद्धता दिखाई गई। रुचिरा ने कहा, भारत की सतत विकास लक्ष्य की यात्रा दृढ़ सकंल्प और सरलता का एक प्रेरक उदाहरण है।

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    सतत विकास लक्ष्य को लेकर भारत प्रतिबद्ध

    संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र से इतर शुक्रवार को 'इंडिया राउंड टेबल: डिलीवरिंग डेवलपमेंट: जर्नीज, डायरेक्शंस एंड लाइटहाउसेज' में अपने संबोधन के दौरान रुचिरा कंबोज ने कहा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के कार्यान्वयन को लेकर भारत की प्रतिबद्धता एकदम स्पष्ट है। हम इस चुनौतीपूर्ण रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। सितंबर, 2023 में नई दिल्ली के शिखर सम्मेलन में हमारे सामूहिक संकल्प की फिर से पुष्टि हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन आव्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, यूनाइटेड नेशंस इंडिया और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से किया था।

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    बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे

    रुचिरा कंबाज ने अपने संबोधन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एसडीजी प्रगति रिपोर्ट से पता चलता है कि सतत विकास लक्ष्य का केवल 12 प्रतिशत लक्ष्य पटरी पर है, 50 प्रतिशत की प्रगति कमजोर और अपर्याप्त है और सबसे बुरी बात यह है कि दुनिया रुक गई है। रुचिरा ने कहा कि आज बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं, चार वर्ष पहले की अपेक्षा आज अधिक लोग गरीब हैं। माजूदा प्रगति को देखते हुए केवल 30 प्रतिशत देश ही 2030 तक 'कोई गरीब नहीं' का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। भारत ने इसमें सराहनीय काम किया है। हम 2030 तक बहुआयामी गरीबी को आधा करने में सफल होंगे।